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________________ २२ उनकी संख्या का क लिखने से पेसठिया यन्त्र तैयार हो जाता है । इस यन्त्र का महात्म्य भी बहुत है । यन्त्र को विधानानुसार ही तैयार करना चाहिये । जिस घर मे ऐसे यन्त्र की स्थापना पूजा हु १४ १ १८ १० ३ २० ७ २४ लघुविद्यानुवाद ११ यन्त्र न २६ ह २१ १३ ५ १७ १५ २ १६ ६ २३ १६ ८ २५ १२ २७७ ४ करती है उस घर मे आनन्द मगल रहा करता है जो मनुष्य इस यन्त्र की आराधना करते है उनको प्रत्येक प्रकार के सुख • मिलते है और जिस मकान में स्थापना की हो वहा पर भूत-प्रेत पिशाच का भय नही होता । अगर हुआ हो तो नष्ट जाता है । इस यन्त्र का जितना आदर करेंगे उतना ही अधिक सुख पा पकेगे । इस यन्त्र को निज के पास रखना हो तो भोज पत्र पर तैयार कराके रखना चाहिये । ऐसे यन्त्र शुद्ध प्रष्ट गध से लिखने से लाभ देते है ||२६|| लक्ष्मी प्रदानं श्रडसठिया, यन्त्र ||३०|| f ' यह ग्रडसठिया यन्त्र बहुत प्रसिद्ध है । कई लोग दीवाली के दिन शुभ समय दुकान के मंगल के स्थान पर लिखते है । इस यन्त्र मे यह खूबी है कि लक्ष्मी प्राप्ति के हेतु चमेली की कलम लेकर ".
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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