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लघुविद्यानुवाद
मन्त्र :--ॐ ह्रीं श्री सूर्याय नमः।। विधि :-जल मन्त्रि नेत्र प्रक्षालिये नेत्र दूखता न रहे । मन्त्र :-ॐ विश्वावसु नाम गधर्व कन्या नामाधिपति सरुपा सलक्षान्त देहि मे
नमस्तस्मै विश्वावसवे स्वाहा ।। विधि -मन्त्र मणि ७ अजुलि जल दीजे ए मन्त्र स्मरण १००० जाप कीजै नित्य १०८ कीजै, १
मास अथवा ६ मास मे कन्या प्राप्त होय । मन्त्र - ॐ धूम-धूम् महा धू धू स्वाहा । विधि :-वार १०८ राख मन्त्र माखिये उ दरा (चहे) जाय । (सत्य) मन्त्र -ॐ ह्रां ह्रीं ह्रां ह्रह ह्रीं ह्र ह्रः॥ विधि -सात बेर काकरा मन्त्रि चार दिशिनाखिये (डाले) टीडी जाय । मन्त्र :-ॐ ह्रीं श्रीं ह्रह्रवद्-वद् वागेश्वरी स्वाहा ।। विधि -सरस्वती मन्त्र वार २१ जपिये श्वेत पाटा लिखि घोल प्यानै वाचा स्फुटा भवति । मन्त्र ---ॐ नमो भगवते श्री पार्श्वनाथाय महति महावीर्य पराक्रमाय सर्वसूल रोग
व्याधि विनाशनाय काल दृष्टि विष ॐ ह्रां ह्रीं ह्रह्रौं ह्रः सर्वकल्याणकर दुष्ट हृदय पाषारण जीवन रक्षा कारक दारिद्र विध्वशक अस्माकम् मनोवा
छिकं (त) भवतु स्वाहा। विधि -इमा पार्श्वनाथाय सपादिका विद्या यक्ष कर्दमेन स्थाली लिखित्वा शुभौ दिने जाती पुष्प
१२००० जपैत । त्रिकोण कूडे जाप द्वादशाशेन समगगल गुटिका १२००० सिताघृत मिश्रित होमिये । तत्र प्रत्यक्षा भवति ।। द्रव्य ददाति, वार्ध दिन, प्रतिदिन १०८ वार
करिये सर्वकार्य सिद्धिकर हर्ष ददाति ।। मन्त्र -ॐ नमो भगवते (दो) वो सिद्धस्स बुद्धस्स अक्खीरण महारण लब्धि मम
पारण्य २ पूरय पूरय ह्रीं भास्करी स्वाहा । विधि -जाप १२००० चावल अखण्ड दिवाली की रात जपिये। रोज १०८ जपिये भोजन अक्षाण
लब्धि मन सतोष शरीर सौख्य पालय मागल्य भवति । मन्त्र -ॐ नमो भगवते आदित्य रूपाय आगच्छ २ अमुकस्य अक्षिरोगं, प्रक्षिपीड़ा
नाशय स्वाहा। विधि -बार १४ आख पर जपिजे पीडा जाय।