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लघुविद्यानुवाद
विधि :-इस मन्त्र से धूलि, अथवा ककर, अथवा भस्म, १०८ मन्त्रित कर साप के ऊपर डालने
से साप कीलीत होता है। मन्त्र :-ॐ गंगयमण उंची पीपली जारे सर्थ निकलि वोर । विधि .-इस मन्त्र से भस्म १०८ बार मन्त्रित कर सर्प पर डालने से कीलित किया हुआ सर्प छुट
जाता है । मन्त्र :-ॐ काली कंकारू वाली महापत्र राली हूं फट् स्वाहाः । विधि :-इस मन्त्र से भस्म १०८ बार मन्त्रित कर ऑख (चक्षु) पर पट्टी बाधने से नेत्र अच्छे
होते है। मन्त्र -ॐ नमो गगा यमुना की प्राण बल खीलु होठ कठ मुख खीलु तेरी वाट घाट जीतु प्राया
तर धरती ऊपर आकाश मरीन सकै काढिसा सलवा २ कोयला करी कर वहा काल राजारि रूघोच्यार दनार हाली चाली कू तरी पछारी लख गरूडदसर अफीरि फुरो मन्त्र
ईश्वरो वाचा। विधि .-इस मन्त्र से सर्प का मुह स्थभन किया जाता है। मन्त्र -ॐ नमो सु उखिलणभई वाचा भई विवाच इसर गोरी नयनस जो वै सिर मुकलाया केस
कमर धोवती करै वाभरण का वेस मइतो सरपा छोडि फिर करि च्यारू दसर अफरि
फरो मन्त्र इश्वरो वाचा। विधि -इस मन्त्र से सर्प का मुख स्तम्भन किया हुआ छुटता है । मन्त्र --ॐ नमो लोह मै ताल लोह मै जडीउ वज्र मै जडीउ तालो उघडि तालो न उ घडै तो
वज्र नाथ की आज्ञा न उघडै तो राम सीता की आज्ञा फुरै तत्त उघडै तो नार सिह वीर
की आज्ञा फुरै ठ ठ ठ स्वाहा । विधि -वार ७ वा २१ ताला को मन्त्रित कर तीन बार ताला को हाथ से ठपका लगावे तो ताला
खुल जावे। मन्त्र :-ॐ नमो कामरू देश कामक्ष्या देवी लकामाहि चॉवल उपाय किसका चोर किसका
चावलपीरकानगाधीरमे रामनकाचाउल चिडा चोर को मुख लागै साह उ गण उखा व चौर के मख लोही नी कावै चौर छटै तो महादेव को पत्र फट फरो मन्त्र इश्वरो वाचा
ब्रह्मा वाच विष्णु वाच सूर्य चद्रमा वाच पवन पाणी वाणी वाच।। विधि :-इस मन्त्र से चावल २१ वार मन्त्रित कर चबावे तो चोर के मुह मे खून निकले। मन्त्र .--ॐ नमो ब्राह्मण फोटि योगी हया त्रोर ज नोइ नासकीय फुटकिर गलइ पछा
नारसिह कीर को पारण फिरइए।