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________________ १९८ लघुविद्यानुवाद विधि :-बार २१ या १०८ बार वेल मन्त्री जै घरण ठीकाने प्रावे। मन्त्र .-ॐ नमों आदित्या भगदीन सूर्य संसयस वृष लोचन श्री शक्र प्रसादेन प्राधासीसी सूय नाशय २ स्वाहा । विधि :-बार ६ मन्त्रित धूप खेने से आधा सीसी रोग नष्ट होता है। मन्त्र :-ॐ जल कपई जल हर कंपइ सय पुत्र सु चंडिका कंपै राजा रूवो (चो) कहा करे सि आसन छांडि वैदेसि जव लगई चंदन सिर चढ़ा दूं तब लग त्रिभुवन पाप पठावं ह्री फुट् स्वाहा । विधि -इस मन्त्र से चन्दनादि १०८ बार मन्त्रित करके माथे मे तिलक करे तो राजा का वशीकरण हो, सत्य है। मन्त्र :-ॐ नमो आदेश गुरू कू उचो खेडो डिग डिगे लोः तवे ने मोर मुछालो ज्यो २ मोर करे पुकार तुतु बिछु चढ़े कपाल । विधि :-इस मन्त्र को एकात मे खडे रह कर २१ बार जपे तो बिच्छू काटे हुए आदमी को ज्यादा जहर चढता है। मन्त्र :-ॐ नमो आदेश गुरू कूधाइ गाइ गोबर जिसमै ऊपना च्यार बिछु चार काला चार काबरा चार भवरा पाखा लाल तारू उतर बिछ नहीं तरै के नील कंठ मोर हकारू मोर खासी तोड़े जारे बिछू मकरे खी छोड गु० ह० फु० । विधि -इस मन्त्र को २१ बार पढ कर हाथ से झाडा देने पर बिच्छू का जहर उतर जाता है। मन्त्र - ॐ धु लुः दे उ लः धुल पुरः तिहानै मे दायरण देव कुकर विस कुनर ई मारण मारणस के ही मातरीख मन्त्री बधी जै सगला ई स्वान रो विषलत्तरई सही। विधि :-इस मन्त्र से ३ रविवार तक पागल कुत्ते का काटा हा आदमी को मन्त्रित करे २१ बार, तो कुत्ते का जहर उतर जाता है। मन्त्र :-ॐ छौं छौ छौ छः अस्मिन् यात्रे अवतर स्वाहाः। विधि -इस मन्त्र से पेडा, ३ बार मन्त्रित कर प्रात ही खावे तीन दिन तक, तो प्राघा सीसा (आधा माथा का दर्द दूर हो।)
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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