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लघुविद्यानुवाद
चक्षु, सिंहारी चक्षु, माता चक्षु, पिता चक्षु, वटारी, चमारी, एतेषां सर्वेषां दृष्टि बंधय बंधय प्रवलते श्री पार्श्वनाथाय नमः ।
विधि - इस मन्त्र से भाडा दे, नजर जाय । बालक का दृष्टि दोष न रहे ।
मन्त्र :- ॐ नमो भगवते पद्म ह्री ह्री क्लीं ब्लू गीय गीय प्रमुकस्य अपत्यदानाय अपत्यं सुपुत्र सर्वावयवेन युत, शोभनं दोर्घायुषं पुत्रं देहिया विलम्बय ह्रीं श्री पद्मावती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु ठः ठः
स्वाहा ।
विधि :- गोली बीज (पारस, पीपल बीज) मन्त्रितटतु समये सूर्य सन्मुख होय खाय, सन्तान होय ।
मन्त्र :- ॐ ह्रीं श्रीं पद्म पद्मासने श्री धरणेन्द्र प्रिये पद्मावती मम श्रीयं कुरु कुरु दुरितानि हर हर सर्व दुष्टानां मुख बंधय बंधय हो स्वाहा ।
विधि - यह मन्त्र स्मरण करे २१ बार लाभ होय ।
मन्त्र :- ॐ नमो पार्श्वनाथाय भगवते सप्तफरणी मरिण विभूषिताय, क्षित्र क्षिप्र भ्रमर भ्रमर महाभूमि सर्व भूतान सर्व प्रेतान, सर्व ग्रहान, सर्व रोगान, सर्व शाकिनी, भेदान श्रों क्रीं ह्रीं श्राय प्राह्वानया छेदय छेदय भेदय भेदय ॐ क्रौ ह्री फट् स्वाहा ।
विधि :- पानी मन्त्र पिलावै तथा भाड़ा दे, सर्व दोष रोग शान्ति करे ।
मन्त्र :- ॐ नमो पद्मावती मुख कमल वासिनी गोरी गांधारी स्त्री पुरुष मन क्षोभिनी, त्रिलोक मोहनी स्वाहा ।
विधि :- ये मन्त्र दीपावली के दिन १०० जप करे सर्व कार्य सिद्ध होय ।
मन्त्र :- ॐ ह्री श्रीं ह्र ं क्लीं श्रसि श्रा उ सा घुलु धुलु कुलु कुलु सुलु सुलु अक्षयं में कुरु कुरु स्वाहा ।
विधि - पच परमेष्ठी मन्त्रोऽय त्रिभुवन स्वामिनी विद्या अनेन लाभो भवति जाप १०८ नित्य करे गुरुवाम्नायेन सिद्धम् ।
मन्त्र :- ॐ नमो भगवते विश्वचिन्तामरिण लाभ दे, रूप दे, जश दे, जय दे, श्रानय श्रानय महेश्वरी मन वांछितार्थ पूरय पूरय सर्व सिद्धि, ऋद्धि वृद्धि सर्व जन
वश्यं कुरु कुरु स्वाहा ।
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