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________________ लघुविद्यानुवाद १७१ विधि :-इस मन्त्र का एक लक्ष जप करने से आकर्षण होता है। मन्त्र :-ॐ जुसः अमुकी आकर्षय २ सः जु ॐ । विधि -इस मन्त्र का एक लक्ष जप करने से स्व स्त्री का आकर्षण होता है । स्व पुरुष के लिए करे तो पुरुष भी आकर्षण हो । मन्त्र -ॐ जुसः अमुकं स्तंभय २ ठः ठः सः जुॐ । विधि -इस मन्त्र का एक लक्ष जप करने से भी स्तम्भन होता है। मन्त्र .-ॐ जुसः अमुकं मोहय २ सः जुॐ । विधि .-इस मन्त्र का लक्ष जप करने से मोहनी करण होता है। अमुक की जगह साध्य व्यक्ति का नाम लेवे। मन्त्र :-ॐ जुसः अमुकं उच्चाटय २ सः जुॐ ।। विधि :-इस मन्त्र का एक लक्ष जप करने से उच्चाटन होता है । मन्त्र - ॐ जुसः अमुकं मारय २ घे घे सः जुॐ । विधि :- इस मन्त्र का एक करोड जप करे । मन्त्र :-ॐ नमो चीटी चीटी चांडाली महाचांडाली अमुकं मे वश्य मानय स्वाहा। विधि :-दूध, घी को एक हजार आठ बार होम करे तो वश मे होता है। मन्त्र :-ॐ नमो नगन कोटि प्रा वीर हू. पूरों तोरी पाशा तूं पूरों मोरी प्राशा। विधि :-भूने हुए चावल एक सेर, शक्कर १ पाव, घी प्राधा पाव इन सब चीजो को एकत्र करके रखना फिर प्रातःकाल जहाँ चीटियो का बिल है वहाँ जाकर मन्त्र पढता जाय और वह एकत्र करी चीज को थोडी २ चीटियो के बिल पर डालता जाय। इस प्रकार तक करने से तुरन्त रोजगार मिलता है। मन्त्र :-ॐ चंदा मोहन चंदा वेली नगरी माहि पान की चेली नागर वेली की रंग चढे प्रजा मेरे पाय पडे । यहाँ नाम देवे।
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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