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लघुविद्यानुवाद
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२ वय २ अग संचय २ ॐ कों ह्रीं क्लीं ब्लू सः सर्व फट् फट्
स्वाहा। विधि :-रात्रि को सोने के समय इस मन्त्र को १०८ बार जपना, फिर पानी को २१ बार मन्त्रित
• करके पीना, सोते समय इस प्रकार २६ दिन तक करना, शनिवार से प्रारम्भ करना,
जिसके नाम से जपा जायगा वह अवश्य वश मे होगा। मन्त्र :---ॐ गुहिया वैतालाय नमः ।
इसकी विधि हमारे पास है, यहाँ नही दी गई है। मन्त्र :-ॐ ह्रीं ह्रीं ह्र ऋषभशांति, घृती कीति कांती बुद्धी लक्ष्मी ह्रीं अप्रति
चन स फट् विचनाय स्वाहा । विधि -इस मन्त्र का स्मरण करने से पानी का उपद्रव नही होता, पानी मे डूबे नही, नदी से
निर्विघ्न पार उतर जाय । मन्त्र .-ॐ उचिष्ट चांडालिनी देवी अमुकी हृदयं प्रविश्य मम हृदये प्रवेशय २ हन । २ देहि २ पच २ हुं फट् स्वाहा । विधि :-शनिवार से रविवार तक ७ दिन इस मन्त्र को शौच पेशाब बैठते समय २१ बार जपे तो
७ दिन मे वाछित जन वश मे होता है। मन्त्र :-ॐ नमो आदेश गुरु को ॐ नमो उयणी मोहिनी दोय बही नड़ी
चालोकंत वन माही जान जलती आगी बुझा वीदों जल मोही थल मोही आकाश मोही पाताल मोही पारणी की परिण हारी मोही वाट घाट मोही आवता जाता मोही सिंहासन बैठो राजा मोही गोखे बैठी रानी मोही चौसठ जोगिनी मोही एता न मोहै तो कालिका माता को दूध हराम करि हणमंतनी वाचा फुरै गुरु की शक्ति हमरी भक्ति फुरो मन्त्र
ईश्वरो वाचा। विधि -रविवार के दिन इस मन्त्र को १०८ बार नग्न होय जपे पान, फूल, सिन्दूर, गुगुल
इन चीजो का सात बार होम करे। जिसको वशी करना चाहे उसके आगे वही पूजा मे का सिन्दर को सात बार मन्त्रित करके सीधा तिलक अपने माथे पर करे। वह