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लघुविद्यानुवाद
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विधि :-नये घडे के अन्दर चन्दन से ही लिखे फिर उस घड को मडल अन्दर स्थापन करे, फिर
चारो दिशाओ मे उस घड़े की पूजा करे फिर अक्षत लेकर मन्त्र पढता जाय और घड़े
का अक्षतो से ताडन करता जाय तो घडा घूमेगा। मन्त्र :-ॐ ह्रीं चक्रेश्वरी चक्क धारिणी व्रज धारिण चक्र वेगेन कटोर के भ्रामय
२ दव्यं दर्शय २ शल्यं दर्शय २ चौरं दर्शय २ सिद्धि स्वाहा । विधि :-एक कटोरा को गाय के मूत्र मे धोकर पत्थर के चकले पर स्थापना करे फिर कु दरू और
गुगुल की धूप देकर इस मन्त्र से हाथ मे सरसो लेकर उस कटोरा का मन्त्र पढता जाय और ताडन करता जाय तो वह कटोरा जल कर जहा पर चोर होगा, अथवा चोरो द्वारा
जहा पर धन गडा होगा वहा पर पहुचेगा। मन्त्र :-ॐ नमो रत्नत्रयाय नमो प्राचार्य विलोकिते स्वरात्थ वोधि सत्वाय महा
सत्वाय महा कारूणि काय चन्द्र २ सूर्ये २ मति पूतने सिद्ध पराक्रमें
स्वाहा। विधि :-अपने कपड़े को इस मन्त्र से २१ बार मन्त्रित करके गाठ लगावे फिर क्रोधित मनष्य के
सामने जावे तो तुरन्त वश मे हो जाता है। मन्त्र :-ॐ नमो रत्नत्रयाय मोचिनि २ मोक्षिरणी २ मिली मिली मोक्षय जीवं
स्वाहा । विधि :-इस मन्त्र का त्रिकाल १० माला २ फेरे तो तुरन्त ही बदी बदीखाने से छूटता है। मन्त्र :-ॐ ह्री अघोर घंटे स्वाहा । विधि :-इस मन्त्र का १ लक्ष जाप करने से तुरन्तवदी वदी मोक्ष होता है । मन्त्र :--ॐ लि विवि वि स्वाहा अलइ नलइ तलइ गलइ हेमंतु न वास इरसा वाता
रसा होता कि स्वामि लोभिता सप्त सिंगार केरउ मरिण मंतु ए विद्या जेन
प्रकाश इतेह चत्वरि ब्रह्म हत्या । विधि -इस मन्त्र का वार २१ या १०८ सारस्य ध्रुचिकया कटोर कस्या लगत्या जन्न
मभिमत्र्यते तज्जल म पोयते शेष अर्द्ध जल मध्ये भूचिका निक्षिप्य कटोक भव्य परिणामम स्थोद्य भव्य स्थाने रात्री मुच्यते तत्र हरीपा पतनि प्रमाते क्टोर का जन्न रक्त भवति ।