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लघुविद्यानुवाद
विधि --शुद्ध होकर रात्रि मे स्मरण करे । मन्त्र :-ॐ नमो नमो पत्तेय बुद्धारणं । विधि :-प्रतिवादि पक्ष की विद्या छेद होती है । मन्त्र -ॐ नमो सयं बुद्धिरणं नौ नौ स्वाहा । विधि :-नित्य ही सिद्ध भक्ति करके इस मन्त्र का जाप करे तो कवि होता है और आगम वादी
होता है। मन्त्र :-ॐ नमो बोहि बुद्धारणं झौ झी स्वाहा । विधि :-शत शत पविशति दिनानि जपेत् एक सघो भवति ।
मन्त्र :-ॐ नमो भागास गमरणांरणं झौ झौ स्वाहा । विधि -अट्ठावीस (२८) दिन तक नमक रहित काजि का भोजन करके प्रतिदिन १०८ वार मन्त्र
___ जपे तो आकाश मे १ योजन तक गति होती है। मन्त्र .-ॐ नमो महातवारणं झौ झो स्वाहा । विधि -इस मन्त्र से १०८ बार पानी मन्त्रित करके पीने से अग्नि का स्तभन होता हैं । मन्त्र :-ॐ नमो विप्पो सहिपत्तारणं झौ झौ स्वाहा । विधि -इस मन्त्र का जप करने से नार मारी का नाश होता है। मन्त्र -ॐ नमो अमिया सवारणं झौ झौ स्वाहा । विधि -इस मन्त्र का जप करने से सर्व प्रकार का उपसर्ग नाश होता है। मन्त्र :-ॐ नमो खेलो सहिपत्तांरणं । विधि . - सद्योऽल्प मृत्यु मुपशमयती इस मन्त्र को नित्य जपने से अपमृत्यु का नाश होता है । मन्त्र -ॐ नमो जलो सहिपत्तांरणं । विधि -इस मन्त्र से शुद्व नदी का जल १०८ बार मन्त्रित करके पीने से तीन दिन में ही अपस्म
रादि रोग का नाश होता है। मन्त्र :-ॐ नमो धोर तवारण। विधि :-विष सर्पादिरोग पर जय प्राप्त करता है । मन्त्र :-ॐ नमो भगवते नमो अरहताणं नमो जिरणारणं हां ह्रीं ह्रह्रौ ह्रः प्रप्रति
चक्र फट्वि चक्राय ह्रां ह्रीं ह्रौ हः असि प्रा उ सा नौ नौ नौ नौ स्वाहा ।