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लघुविद्यानुवाद
खारस्य वासित्त जलेण लेपे सर्वमपि साड निवर्त्तयति, सुवर्ण माक्षिक वेलरस पली
हरियाल मणसिल गन्धक निबु या रस पलि अभ्यगेनद भूत निवृति । मन्त्र :- ॐ हां पा को क्षां ह्री क्ली ब्लू ह्रां ह्री पद्मावती नम । विधि -इस मन्त्र को सफेद पुष्पो से १००८ बार दस दिन तक जपे तो सर्व सिद्धि करने वाला
होता है। मन्त्र :- ॐ रक्त जट्ट रक्त रक्त मुकुट धारिणि परवेध संहारिणी उदलवेधवंती
सल्लुहारण विसल्लुचूरी फटु पूर्वहि प्राचार्य का प्राज्ञा ह्रीं फट् स्वाहा । विपि - इस मन्त्र का जप करने से परविद्या का छेदन होता है। मन्त्र :-ॐ ह्री श्री हर हर स्वाहा । विधि -इस मन्त्र को ३ दिन मे १०८ पुष्पो से श्री पार्श्वनाथ भगवान के सामने जप करे तो सर्व
सम्पदादिक होती है। तीनो दिन १०८-१०८ पुष्प होने चाहिये। मन्त्र -ॐ नमो भगवते श्री पार्श्वनाथाय पद्मावती सहिताय हिली हिली
मिलि मिलि चिली चिली किली किली ह्रां ह्रीं ह्र हौ ह्रः कौ
नौ नौ यां यां हंस हंस हू फट् स्वाहा। विधि - सर्व ज्वर नाशन मन्त्र ज्वरानतर देव कुल दर्शनायाह । मन्त्र
-ॐ नमो भगवते श्री पार्श्वनाथाय ह्री श्री ही नम ॐ तक्षकाय नम उत्कट विकट दाढा रुद्रा कराय नम हन हन दहि दहि पचि पचि सर्व ग्रहाणा बधि बधि भूताना राशि राशि ज्वालि ज्वालि प्रज्वालि प्रज्वालि शोषि शोषि भक्षि भक्षि य य ज्वलि ज्वलि प्रज्वलि प्रज्वलि वायु वीरु ॐ नीलासूया कता पाया का ह जाणइ पाखु जागड प्रापद्रट्रि परद्रोट्रि माय बाप केरी द्रट्रि प्राडासी पाडासी की द्रट्रि नाट्ट केरी द्र ट्रि शिहरीउ मल अजीर्ण व्याधि हणमत तणी लातभस माते हो जिउ ॐ वीर हनोवता प्रतुल बल पराक्रमा सर्वव्याधि छिनि छिनि भिनि भिनि त्राशय त्राशय नाशय नाशय त्रोटय त्रोटय स्फोटय स्फोटय बाधय बाधय बवइ बधेरण लकादहि तेण हुणएण हू
फट् स्वाहा। विधि -इस मन्त्र को ७ बार जपने से व्याधि बध होती है। मन्त्र -हन हन दह दह पच पच मथ मथ त्रास सागी सत्वयारे वछ नाग
नारो बोल घिमोर उपांग प्रावहु पुत प्रावहु सुरगहु विचारहु हाछ