________________ 82 लघुविद्यानुवाद विधि :-यह मन्त्र 21 जपे (कलवाणी मन्त्र) / मन्त्र :-ॐ चिकिचि हि रिण स्वाहा / विधि -इस मन्त्र से भस्म (राख) को 21 बार मन्त्रित करके चारो दिशाग्रो मे फेकने से मशक भाग जाते है। मन्त्र :--ॐ ठो ठों मातंगे स्वाहा / विधि -इस मन्त्र से सरसो 21 बार मन्त्रित करके डालने से चूहे भाग जाते है / मन्त्र :-ॐ स्वाहा। विधि :-इस मन्त्र से कन्या के हाथ का सुत कता हा ७बार मन्त्रित करके खटिया के वाध देने से खटमलो का उपसर्ग दूर होता है। मन्त्र :-ॐ हर हर भमर चक्षु स्वाहा / विधि :-इस मन्त्र से सुपारी मन्त्रित करके 21 बार, फिर खावे तो दाँत के कीडे वाहर पा जाते है। मन्त्र :-ॐ क्ल्व्याक्ली क्लेशिनि सर्व दुष्ट दुरित निवारिरिण हूं फट् स्वाहा / ॐ अमृते अमृत्तोद्भवे अमृत वर्षिणी अमृत वाहिनी अमृतं श्रावय 2 सं सं ह्र ह्र क्लीं 2 ब्लु 2 द्रां द्री दुष्टान द्रावय 2 मम शाति कुरु कुरु पुष्टिं कुरु कुरु दुःखमपनय 2 श्री शांतिनाथ चक्र न अमृत वर्षिणी स्वाहा / विधि .-इस मन्त्र को 21 बार जपे। (कलवाणी मन्त्र) मन्त्र :-ॐ समरि समिरि सिद्धो समरी प्रातुरि आतुरि परि पूरि नाग वासिरिण तं अस्थि वासिरणी प्राकासु वंध पाताल वंध दिशि वंधु अवदिशि वंधु डाकिरिण वंध शाकिरिण बंध बंध वंधेरण लंकादही तेण हणु एण लोहेन / विधि :-इस मन्त्र को 21 बार जपने से सर्व उपद्रव शान्त होते है / (कलवानी कृते) मन्त्र :-ॐ हिमवंत स्योत्तरे पार्वे कठ कटी नाम राक्षसी तस्यानूपुर शब्देन मकुरणा दृश्यंतु ठः ठः स्वाहा / विधि .-इस मन्त्र से कीडा-कोडी अदृश्य हो जाते है / मन्त्र :-युधिष्ठर उवाचेत्यधिकंच अते वते कार्य सिद्ध विसवंतो अजीन भाठ किलि किनिपातेसु गुदिनिनिपातेषु वातहरि सेसु पीत्त हरीसेसु सिलेसम हरिसेसु