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________________ लघुविद्यानुवाद 81 हागी लगा महादेवी किली 2 शब्दं जंकार रूपी अदमद चक्कि छिन्नी 2 मडाशिनि छिन्नि 2 कंवोडती छिन्नि 2 अदमद सामिरिण छिन्नी हो ही होरी सगरी पर सो पुरुष दिवायर भंजइ मुद्रयसयाई तिहिं बारि हिंपई संताई कंपई वहुविह सायरत्त कम्मइ परिहरहुं रायक पावंती चिगि चिगाइ कंवोडी डाइणि फाडइ सिहोही होरी सगरोसोविष नासरिण हर चलि छिन्नी सुदरशरिण। विधि -इस मन्त्र से गुगल मन्त्रित करके धूप देने से जो भी बाधा होगी वह प्रकट होगी। अगर भूत की बाधा होगी तो आग मे मन्त्रित गुगल को डालने से कडवी बदबू आयेगी, चमडे की गध आवे तो शाकिनि बाधा, षुसरभि की गध से योगिनी बाधा। मन्त्र :-ॐ नमो भगवइ कालि कालि मरुलि काक चंडालि ठः ठः। विधि -इस मन्त्र को 7 बार मन्त्रित (जप) करके गोबर से मडल करे / मन्त्र :-ॐ नमो ब्रह्मदेवश्वराय अरे हरहि मरि पुंडरि ठः ठः / विधि -इस मन्त्र को 108 बार जप कर (शाल्योदन सत्कामधु घृत) मिश्रित करके स्थापन करे फिर प्रथम डभ द्वितीये मृदु तृतीये अगारा कल्पनीया * प्रथमे काक पाते शीघ्र वर्षति द्वितीय पक्षण तृतीये न वति / मन्त्र :-ॐ ब्रह्मणि विश्वाय काक चंडालि स्वाहा / (काकाह्वान मन्त्रः) मन्त्र :-काम रूपी विपइ संताडावइ परवइ अछइ कोकिलउ भइखु अजिउ सुको किलउ भइखु पहिरइ पाऊचडइ हांसि चडइ कहा जाइ श्री उजेणी नगरी जाइ उजेणी नगरीछइ गंध वाम सणुता हंछइ सिद्धवटु सिद्धवट हे द्विवल इछइ चिहाचिहां दाडाइ मडउं मडाहाथि छइ कपालु कपालियंतु यत्रि मन्त्रु मन्त्रि कामउ कामई कामतु नामदु ऐ क्लीं शिरु धूरणय 2 कटिकंपय 2 नाभि चालय चालय दोषतरणा पाठइ महादेवी तणे वारणे हरिण हरिण खिलि खिलि मारि मारि भांजि 2 वायु प्रचंडु वोरु कोकिल उभइर वु जः जः विधि .-इस मन्त्र को सात बार जपने से दोष नही (प्रभवति) प्रकट होगा। मन्त्र :-ॐ ह्रीं श्रीं पार्श्वनाथाय प्रात्म चक्षु पर चक्षु भूत चक्षु पिश्र न चक्षु 2 डाकिनि चक्षु 2 साकिनी चक्षु सर्वलोक चक्षु माता चक्षु पिता चक्षु अमुकस्य चक्षु दह दह पच पच हन हन हूं फट् स्वाहा /
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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