________________ 78 लघुविद्यानुवाद मन्त्र :-ॐ ह्रीं पांचाली 2 जो इमं विजं कंठे धरिइ सो जाव जीव अहिणा नड सिझइति स्वाहा / वार 21 गुण सुप्पते / मन्त्र :-ॐ चंडे फुः / विधि -इस मन्त्र को 21 बार पढकर फूक देने से बिच्छु का जहर उतर जाता है। मन्त्र :-आदित्यरथ वेगेन वासुदेव बलेनच गुरूड पंक्षिनिपातेन भूभ्यां गछ गछ महा बलः / ॐ उनीलउ कविलउ भमरू पंखाल उ रत्तउ विछिउ अनंत्तरि कालउ एउ मंत्र जो मरिण अवधारइ सो विछिउ डक उत्तारइ / विधि -इस मन्त्ररूप मणि को जो जो धारण करता है याने स्मरण करता है वह विच्छू के डक के जहर को उतार देता है। मन्त्र :-ॐ जः जः ज जः कविसी गाइ तरणइच्छारिण तिरिणउप्पन्नी विछिरिण पंचता हांलगिउ अठारह गोत्र विछिरिण भरणइनिसुणिहो विछिय विसुपायाल ह हु तउ प्रावइ जिम चडतु तिम पडंतु छइ पायालि अभिय नव नव कुण्ड ' सो अभिउमइ मंत्रिहि आरिणउडकह दीधतई विसु जारिणउ ॐ ज जः ज. जः जः / विधि -इस मन्त्र को पढकर झाडा देने से बिच्छू का जहर उतर जाता है। मन्त्र :-मइदिट्ठी कल्पालिणी श्री उझयिरणी मडा चोरती ब्रह्माधी विलवती तासुपसा इ मइ शिषव द्वीवलवंति त्रिभुवणु वसिकरउ / विधि .-विधान रक्षा मन्त्र / यहाँ अभिप्राय कुछ समझ मे नही आया है। मन्त्र -काला चोला पहिरणी वामइ हथि कपालु हउ शिव भवरणहनिसरी को मम चंपई वारु वाली कपाली ॐ फूट स्वाहा / (र. वि. मन्त्र) मन्त्र :-वधस्स मुख करणी वासर जावं सहस्स जावेण हिलि हिलि विझाण तहारिउ वल दप्पं परणासेउ स्वाहा / विधि -कृष्ण चतुर्दशी को उपवास करके शुद्ध होकर रात्रि मे इस मन्त्र का 1000 जप करके सिद्ध कर ले, फिर 108 बार प्रतिदिन जपने से शीघ्र ही बधन को प्राप्त हुए मनुष्य का छुटकारा होता है तुरन्त ही बदी मोक्ष होता है। मन्त्र :-ॐ विधुजिह्व ज्वालामुखी ज्वालिनी ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल धग धग धूभांध कारिणि देवी पुरक्षोभं कुरु कुरु मम मनश्चिन्तितं मन्त्रार्थ कुरु कुरु स्वाहा।