________________
[ ४९
कही हुई जम्मा आदि देवियोंको लिखे । उसके आगे दो ठकार और फिर पृथिवीमण्डल बनावे | बुद्धिमान् इस प्रकारका मन्त्र aria |
आठों देवियोंके मन्त्रोंका उद्धार -
भैरव पद्मावती कल्प
प्रणः
" जम्भे स्वाहा । ॐ जम्भिनि खाहा । ॐ स्तम्भे स्वाहा । ॐ स्तम्भिनि स्वाहा । ॐ अन्धे स्वाहा । ॐ अन्धिनि स्वाहा । ॐ रुन्धे स्वाहा । ॐ रुन्धिनि स्वाहा । "
फळके शिलातले वा हरितालमनः शिलादिभिर्लिखितम् । कोपगति सैन्य जिव्हास्तम्भ विदवाति विधियुक्तम् ।। १० ।।
भा० टी० - यह यन्त्र काठकी तखती अथवा पत्थरकी शिला पर हड़ताल और मनशिल बादिसे विधिपूर्वक लिखा जानेसे क्रोध, गति, सेना और जिन्हाका स्तंभन करता है ।