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D. दूसरी आत्तिका निवेदन व
इस मन्त्रशालकी प्रथम आवृत्ति खत्म हो जाने पर तथा इसकी मांग भाती ही रहती है इसलिये इसकी यह दूसरी बावृत्ति प्रष्ट दी जाती है।
प्रथम आवृत्तिमें मशुद्धियां थीं अतः शुद्धिपत्रक रखा गया था लेकिन इसबार सब अशुद्धियां सुधार भी गई हैं तथा ४६ यन्त्र प्रथम आवृत्तिमें अन्तमें बलग दिये गये थे वे भी इसवार श्लोलोंके साथमें ही दिये गये हैं।
प्रथम आवृत्तिमें भैरव पद्मावतीका १ प्राचीन फोटो दिया गया था जव कि इसवार दूसरा प्राचीन फोटो भी दिया गया है।
इसके अनुवादक पं० चन्द्रशेखरची शस्त्री देहली तो दो वर्ष हुए स्वर्गवासी हो गये हैं लेकिन उनकी यह सानुवाद कृति अमर ही रहेगी।
हमने उनका अनुवादित दूसरा मन्त्रशास्त्र "ज्वालामालिनी कल्प" भी २६ यन्त्रों सहित सचित्र प्रस्ट किया है जो ५) में मिल लोगा तथा "अम्बिकादेवी अल्प" थी इस प्रक्टरनेनाले हैं। जो मूल मिला है अतः उसका हिन्दी अनुवाद तैयार करवा रहे है। __"भैरव पद्मावती पल्प" की इस दूसरी आवृत्तिा शघ्र ही प्रचार हो जाय ऐसी हम आशा रखते हैं।
निवेदकवीर स० २४९६
मूलचन्द किसनदास कापडिया, कार्तिक सुदी २
-प्रकाशक (आयु ८७) ता. ११-११-६९ ।
सूरत