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है भैरव पद्मावती कल्प
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लिखे । तथा विदिशाभोंके दलोंमें क्रौं झौं प्लें और यू लिखे । उसको बाहिर निम्न लिखित मन्त्रसे वेष्टित करदे।
ॐ ह्रीं नमोऽहं ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं स्वाहा।' जो व्यक्ति इस चिन्तामणि नामके यन्त्रका पूजन करता है उसके वशमें सम्पूर्ण लोकके साथ२ मुक्तिरूपी स्त्रो भी हो जाती है।
यन्त्र संख्या ३ वशीकरण चिन्तामणि यन्त्र
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इति भैरवपद्मरतीयल्पकी भापाटीकामें 'देवाराधनविधि'
नाम तृतीय परिच्छेद समाप्त ॥३॥