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सत्तमम अगस्स
भगवं महावीरं वन्दइ नमसइ, २त्ता एवं वयासी। "इच्छामि णं, भन्ते, तुझेहिं अब्भणुमाएर छट्टक्वमणस्म' पारणगंसि वाणियगामे नयरे उच्चनीयमज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्म भिक्खायरियार अडित्तए। अहासुई, देवाणुप्पिया, मा पडिबन्धं करेह" ॥ ७७॥ . तर णं भगवं गोयमे समणेणं भगवया महावीरेण अब्भणुमाए° समाणे समणस्स भगवा महावीरस्त अन्तियाओ दुइपलासाओ चेइयाओ पडिणिक्वमइ', २त्ता अतुरियमचवलमसम्भन्ते जुगन्तरपरिलोयणाएर दिट्ठीए पुरी इरियर साहेमाणे१२, जेणेव वाणियगामे नयरे, तेणेव५ उवागच्छइ, २त्ता वाणियगामे नयरे६ उच्चनीयमज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्म८ भिक्खायरियाए अडइ ॥ ७८॥
तर णं से भगवं गायमे वाणियगामे नयरे ९
१ A om. २ B C D E om. ३ A C अभण। CD E क्खमणपारणगसि । ५C मज्झिमयाई। ६SoC; A BDE समुदा०। ७C अन्भुण । ८ B C D E पलासचेह। CD E पडिनि०। १० C संभंताए । ११ AC पलाय । १२ D E इरिया। १३ A E सोहमाणे, D साहमाणे । १४ A B नगरे। १५ A om. from तेणेव to नयरे। १६ B C D E नगरे। १७ C नीच। १८ A B C D E समुदा०। १६ D E नगरे।