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उवासगदसाणं पाहम ग्रन्झयणं ।
"नन्नत्य अगरुकुङ्कमचन्दणमादिरहिं', अवसेसं विलेवविहिं पच्चक्वामि३" ॥२६॥
तयाणन्तरं च णं पुप्फविहिपरिमाणं करे । "नन्नत्य एगेणं सुद्धपउमेणं मालइकुसुमदामेणं' वा, अवसेसं पुप्फविहिं पञ्चक्वामि" ॥३०॥
तयाणन्तरं च णं आभरणविहिपरिमाणं करेइ। "नन्नत्य महकमेज्जरहिं नाममुद्दार य, अवसेसं आभरणविहिं पञ्चक्वामि२३" ॥३१॥
तयाणन्तरं च णं धूवविहिपरिमाणं३ करेइ । "नन्नत्य अगरुतुरुक्कधूवमादिरहिं, अक्सेसं धूवणविहिं५ पच्चक्वामि२३” ॥३२॥
तयाणन्तरं च णं भायणविहिपरिमाणं करेमाणे१९, पेज्जविहिपरिमाणं करेइ । “नन्नत्य एगार
१। अगरचंदणकुंकुम०, a c e अगुरु०। A CE माइएहिं ; qiff is always used as a tatsama in the Gaudians i २A B क्वाति, C क्खाह। ३ B D तदा। ४ A विहं परि०,
B विहिं परि०। ५A मालई०, C मालई ०, D E मालति | DE दामण। ६A B C विहं, D विधिं । ७B तदा । CAC विह०, D विधि०। ८DE मदृक्क०, ace मट्ठकन्ने । १० So A B C acc, D E • मुद्दोरहि। ११ A विहं, D विधि । १२ ABC क्खाइ। १३ A विहं, D विधि । १४CE मा.
हिं। २५A विहं। १६ AB.विह०; D E माणे। १७A करेइ मागो, C करे।। १८ So also a ce; but A B D पिज्ज०, C om.; A विहं परि०। १८ C रगेहिं।