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सत्तमस्स अङ्गस्स
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याणं' अन्तिर मुण्डा भवित्ता जाव * । अहमं देवाणुप्पियाणं अन्तिर पञ्चाणुव्वइयं सत्तसिक्वावइयं दुवालसविहं गिहिधम्मं पडिवज्जिस्पामि । श्रहासुहं, देवाप्पिया', मा पडिबन्धं करेह” ॥ २१० ॥
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तर णं सा अग्गिमित्ता भारिया समणस्म
भगवओ महावीरस्म अन्ति पञ्चाणुव्वइयं" सत्तसिक्वावइयं दुवालसविहं सावगधम्मं पडिवज्जइ, २त्ता समणं भगवं महावीरं वन्दइ नमसइ, रत्ता तामेव धम्मियं जाणप्पवरं " दुरुहइ १९, २त्ता जामेव दिसं पाउन्भूया" तामेव दिसं पडिगया ॥ २११ ॥
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* Supply the rest from $ 12.
६ So
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१ So F from देवा० down to भवित्ता ; ABDE G have only देवा मुंडा । २F मुंडे । ३ ABDEF Gom. * So G; but A BDEF पडिवज्जामि | ५ ABD om. F; ABDEG om. मा पडि० क ० । ७ F करेहि | AB DEG om. DE तियं । १० ABDE have only पंचा जाव, omitting the rest down to पडिवज्जइ; G has only गिहिधम्मं पडिवज्जइ । ११ A B •पवरं । १२ BDG दुरूहइ, E दूरूहइ | १३ DE om. १४ So G ; but A BF पाउब्भूए, D E only पा । १५ A B F पडिगते ।