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महावीर परिचय और वाणी
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अगर महावीर किसी दिन खाना नही साते तो वह अनशन नहीं, उपवास है । अनन
का मतलब है भूखे मरना, उपवास वा भी न चले। जन ध्यान बहुत
अय है इतन आनन्द मे होना कि भूख का भीतर है तो शरीर का सयाल नही रह
जाना ।
व्रत मे स्मरण रखें कि अहिंसा तो किसी और को सताती है, न स्वयं को । अहिंसा सताती ही नही । हिंसा ही सताती है। हिंसा में गहस्य रुप हैं, उसके समस्त रूप हैं अच्छे रूप हैं चुरे म्प हैं। अगर हम दाना से सजग हो जायें तो शाय अहिंसा की सोप हो सकती है ।
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