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है, यदि बुद्ध न वस्त्र पहन रता है तो ये परम नान का पैसे उपल पहुए। यहिर्जीवन वी परड के वारण ही मतीवन के सम्ब च म इतनी माझ्या मडी हा गई है।
महावीर ये सम्बघ म मैं ठोय कह रहा है या नहीं इस बात की जांच या भी वाई अथ नहीं है। मैं कुछ सिद्ध परन के लिए नहीं कह रहा हूँ, बल्कि यह इसलिए रहा हूँ कि तुम जहाँ हो वहां स मरक सरो और पिसी दूमरी दिशा म गति पर सका। इसलिए यदि यह वातचीत तुम्हें अनागा म गति देनेवाली बन जाती है ता मैं मान लूगा वि कापी प्रमाण मिर गए । मानी मर रिए अथरता सम है वि महावीर के जीवन के मम्ब घम में जा पहूँ वह पिसी रूप में तुम्हारे जीवन का पातरित करनेवाला बने। ___यही वह है कि जा रोग जानत रहे हैं उहोन इतिहास लिसन पर जोर नहीं दिया। इतिहास पी जगह उहाने पुराण पर-मिथ' पर पिया। इतिहाम या भाग्रह है कि बाहर घटी घटनाएँ तय्य (फाटस) पो तरह सगहीत पी जायें पुराण इस बात पर बल देता है दि बाहर की घटनाएँ इस भांति माहीत हा कि जर कोई उनस गुजर ता उमप भीतर कुछ घटित हो जाय । पौराणि घटा चिमी दृष्टि स अप्रामाणिय मारम पड सकती हैं। एतिहासिर तध्य मी तरह प्राइस्ट का मूला पर चढना और फिर तीन दिन बाद जीवित हा उठना प्रमाणित नहीं दिया जा सकता। एतिहामिक त य का तरह इसे मो प्रमागित नहा दिया जा सकता कि पाई एसी पारी र डमी स पता हो सकता है जिमम पुरप पा सम्पर न हुआ हो । जितु पुराण का दृष्टि बड़ी गहा है। उसरा पहना है कि जीजस जमा वेटा मयत वारी आत्मा म ही जम र मरता है। यदि किती मा पोजोजस-जम थेट पो म दना हा तो उसके चित पा अत्यत पुंआरा हाना जारी है जोर मारेपन या पाइ सम्बध परीर म है हो हा गैर तो यत्र है, युआरापा भारिप गोदा है। हा सपना है कि शरीर नारा हा मोर चित विपुर गुजारा हो।
अब एक और उदाहरण । महायोर पर पागप बाट सा है गौर दूप महा है । म एनिहामिप तथ्य यो सरह मिद नहीं कर सागरन या परा हा पर गरत करत है। महावीर पा पप परयाग नो मिr है गापा है यह पा जायगी। मन्टना बा एrरा अप है। यह पर है रिममिप भी पाटे या कोई मायार मा जहर नोद, मारना पन मी रे सा भी मारा मन माप मागे मिल नहीं हा पाना दूध निकापुर बप नारी दि महापारमा मातरर से भरपूर है। मारमा पर हर ना पग घाट पामो-हापार ६ परमा प्रेम पार ही प्रवाहा । 377 हरयो मरा पापर गिर RTो । या गिर