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महावीर परिचय और वाणी
१७७ महावीर पहुँचे थे। और जब तक वह उस जगह नहीं पहुंच जाता तब तम महावीर का समय पाना मुश्किल है। उस आमूति का वह क्मे समझ साता है जो उस कमी नहीं हुई ? अथा कसे समझेगा प्रकारा के सम्बधम महापुरप को समयना अत्यत पठिन है पिना स्वय महापुरप हुए । महावीर का समयना हो तो सोये ही महावीर को समय लेना सम्भव नही है। महावीर को समयना हो तो स्वय को समयना और स्पातरित करना ज्यादा जरूरी है। शब्, सिद्धान्त और परम्परा स ममशन की कोशिश करते हैं तो भूल हो जाती है । स्वय पे भीतर उतरते ही हम उस जगह पहुंचेगे जहा कभी महावीर पहुंचे थे। तभी हम उह समय पायगे।
महावीर के सम्बध म मैंने जो बातें कहा, उनका गास्त्रा से कोई सम्बध नहीं है । इसलिए हो सकता है कि बहुतो को व कठिन मारम पड, स्वीगार योग्य मा न हो । गास्त्रीय बुद्धिवाला को वे अजीर दी और व पूछ नि गास्त्राम ये बात कहा हैं ? उनसे मैं कह देना चाहता हूँ रिय वाने शास्त्रा म हा या 7 हा स्वय म सोजनेवार इह अवश्य पा लेंगे और स्वय स बडा न कोई नास्त्र है और न पाई दूमरी आप्तता । मेरा पोई शास्त्रीय अधिकार नहीं है। मैं शास्त्रा म विश्याम नहीं परता, बल्यि उन समी वाता यो सदिग्ध इस कारण मानना है कि वे गाम्ना म पिसी हुई हैं। मैंन महावीर और अपने वीच शास्त्रा को नहीं रखा है और महावीर को मीया टेसने थी वोगिा की है। सीधा हम उसे ही दप सपते हैं जिसस हमारा प्रेम हो। प्रेम प्रत्येक पती को वम ही सोल देता है जम सरज। हम सब पान के मार्ग से ही जानते है जीते हैं इसलिए जान नहीं पाते । महावीर को प्रेम करेंगे तो पहचान जायेंग और एक मजे का रात तो यह है कि जा महावीर को प्रेम परगा वह कृष्ण, प्राइस्ट या मुहम्मत या प्रेम परने से बच नहा रायता। अगर राहावीर से प्रेम होगा तो उसे महावीर म जा रिपाई पडेगा, वही बहुत गहरे म महम्मद कृष्ण
और प्राइस्ट म भी दष्टिगत होगा। यह असम्भव रिपोई व्यक्ति महावीर से प्रेम परे और युद्ध स नही । प्रेम न पिसी पर ठहरता है न मिमी का रास्ता हैन रिसी या टहराता है। प्रेम की न पोई गत है न कोई सोदा । प्रेम ता परम मुपित है। प्रेम या आप इबटटा नहा कर रावते, गान को परमपन हैं। प्रेम तो बांटना ही पड़ता है। प्रेम पो बाटठा परनवाला प्रेमी नहीं हो सकता। जितना योटो, उतना प्रेम।
अगर हमारा चित्त पूर्वग्रह। स भरा है तो हम प्रेमपूण नही हा यक्त । महावीर जो व्यक्ति पिसी धारणा पर स नहीं जा मरने । अमल म अद्भुत व्यक्ति या अय ही यह है कि उस पर पुरानी मौटियां पाम नही परती । प्रतिमाशाली सीन पेयर पद या निमित परता है यहिर खुद समाप जान को रसोटियां मी निमित
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