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________________ तोते भी स्नान कर अपने शरीर को साफ रखते हैं। कबूतर आदि पक्षी चोच की सहायता से अपने शरीर को साफ रखते हैं। हाथियो को भी स्नान करना पसद है। इस प्रकार क्या कीट, क्या पशु, क्या पक्षी सभी अपने शरीर को प्राकृतिक रूप से स्वच्छ रखना जानते हैं। रंग बदलनेवाले कीट शतपाव2 बहुत से जतु वातावरण के अनुसार रंग बदलकर दुश्मन की नजर से बच जाते हैं। जबकि अधिकाश कीटो की शारीरिक बनावट ही ऐसी होती है कि वे वातावरण में घुल-मिल जाते हैं। जैसे घास पर पलनेवाले अनेक प्रकार के कीटो को हम आसानी से पहचान नहीं पाते तथा उन्हें घास या तिनका ही समझते हैं। जब वे उडते है, तब हमे पता चलता है कि ये कीट थे। अनेक पर्ण कीट सूखी टहनियो के समान दिखाई देते हैं और समय-समय पर वैसा ही रग-रूप बदल लेते हैं ।काष्ठ कीट भी ऐसे ही होते हैं। विटर फ्लाईडर मछली भी अपने वातावरण के अनुसार रग बदल लेती है। गिरगिट अपना रंग बदलने में ससार-भर मे प्रसिद्ध है, ही m MWM Crictar PanMERAGERAN कीट पतगा की आश्चर्यजनक बातें 023
SR No.009966
Book TitleKeet Patango ki Ascharyajanak Baten
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajnish Prakash
PublisherVidya Vihar
Publication Year1960
Total Pages69
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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