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ज्यों था त्यों ठहराया
का मुकाबला हो जाए; दोनों पंजाबी! तो कुर्बानी पक्की! खिंच जाएं किरपाणे! फिर देर-दार नहीं। वह तो भला है कि दोनों की दोस्ती है। पिंकी, आदेश की भाषा तेरे मां-बाप बोलेंगे, उससे सावधान रहना। अगर मेरे रंग में रंगना है, तो विवाह से बचना। अब ये मित्र उलझ गए--चंद्रपाल भारती! अब ये मार्गदर्शन मांग रहे हैं! गड्ढे में गिर गए। हड्डी-पसली टूट गई। अब पूछते हैं--मार्गदर्शन दो! अरे, पहले पूछना था! अब आंख पर चश्मा चढ़ गया। अब कहते हैं--मार्गदर्शन दो। अब दिखाई नहीं देता! अब अंधेरे में टटोल रहे हैं। कहते हैं--मार्गदर्शन दो! अब मार्गदर्शन मैं तो तुम्हें दे दूं, मगर पत्नी अगर राजी न हो, तो मार्गदर्शन का क्या होगा! डाक्टर चंदूलाल से बोला, मैंने आपसे कहा था कि आपकी जिस अंगुली में दाग पड़ गया है, उसे गर्म पानी में एप्सम साल्ट डाल कर भिगोए रखिए। दूसरे दिन चंदूलाल ने अंगुली के अच्छे होने की खबर दी। लेकिन उसने एप्सम साल्ट नहीं, आटे की पुल्टिस बांधी थी! तो तुमने मेरी सलाह नहीं मानी, डाक्टर बिगड़ा। इसमें मेरा कोई दोष नहीं डाक्टर साहब, चंदूलाल मिमियाये सुर में बोले, मैं क्या करूं। मेरी पत्नी मानी ही नहीं! और उसने जबर्दस्ती आटे की पुल्टिस बांध दी! अजीब बेवकूफी है, डाक्टर ने कहा, और मेरी पत्नी है; वह तो हमेशा एप्सम साल्ट के ऊपर ही जोर देती है। मैं ही नहीं, मेरे मरीजों तक को मैं अगर पुल्टिस बांधना चाहता हूं, बांधने नहीं देती! तो मैं तो मार्गदर्शन दे दूं, लेकिन पत्नी अगर आटे की पुल्टिस बांधे, तो फिर क्या करोगे! वह मार्गदर्शन पर चलने भी नहीं देगी। वह कहेगी, मेरे रहते कहीं और जगह से मार्गदर्शन तुमने लिया कैसे! दूसरे शहर से चिड़ियाघर देखने आया एक दल ज्यों ही शेर के पिंजरे के पास पहुंचा, शेर ने एक खौफनाक दहाड़ लगाई। दहाड़ इतनी जोरदार थी कि एक व्यक्ति को छोड़ कर सारे लोग बेहोश हो गए। चिड़ियाघर का अधिकारी उस व्यक्ति की और प्रशंसा भरी दृष्टि से देखता हुआ बोला, लगता है, आप बहत निडर हैं! वह व्यक्ति बोला, जी नहीं। दरअसल मैं तो रो-रोज ऐसी दहाड़े सुनने का अभ्यस्त हो चुका
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क्या आप भी किसी चिड़ियाघर में काम करते हैं? उसने कहा, जी नहीं। मैं शादीशुदा हूं। घर का मालिक सच में कौन है--तुम कि तुम्हारी पत्नी? मित्रों ने मुल्ला नसरुद्दीन से पूछा। नसरुद्दीन ने अपनी मूंछों पर ताव दिया और कहा, मैं ही हूं। निश्चित मैं ही हूं। और ऐसा कहने के लिए गुलजान ने मुझे पूरा अधिकार दिया है! मार्गदर्शन तो मैं दे दूं, मगर पत्नी से पूछ कर आए कि नहीं--कि मार्गदर्शन लेने जा रहा हूं। ले लूं? अगर उसने अधिकार दिया हो, तो मैं दे दूं। नहीं तो दोबारा जब आओ, तो पूछ कर
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