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131. वही 23/55-58 132. वही 25/26, 32/34 133. वही 32/12 134. वही 32/18 135. उत्तराध्ययन, वृहद् वृत्ति, पत्र 292 136. उत्तरज्झयणाणि 20/8,19/43 137. आचारांग 1/8/1/15 (ठाणं 3/45 के टिप्पण से उद्धृत) 138. आचारांग भाष्यम् 2(1) 12, 23 139. सूयगडो (1)/3/75 140. ठाणं 3/163,165,175 (टिप्पण संख्या 45) 141. प्रश्नव्याकरण सूत्र 2/4/141 142. दसवेआलियं 8/35 143. दसवेआलियं 4/27 (टिप्पण) 144. उत्तरज्झयणाणि 14/27 145. (अ) दसवेआलियं 4/14
(ब) वही 9/4/4 146. प्रश्नव्याकरण सूत्र 2/4/145 147. उत्तरज्झयणाणि 19/34 148. वही 19/36 149. वही 19/37 150. वही 19/38 151. वही 19/39 152. वही 19/40 153. वही 19/41 154. वही 19/42 155. (अ) दसवै. हरिभद्र सूरि की टीका (दसवेआलियं/2/आमुख / पृ. 96 में
उद्धृत) (ब) उत्तरज्झयणाणि /7/ टिप्पण संख्या 40 में उद्धृत - जस्स धिई तस्स तवो, जस्स तवो तस्स सुग्गई सुलभा। जे अधिइमंत पुरिसा तवोऽपि खलु दुल्लहो तेसिं।।
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