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अध्याय पंचम 5. ब्रह्मचर्य : विकास के साधन
रूपरेखा
1.0.
साधन - विमर्श
2.0. ब्रह्मचर्य-विकास के साधन 2.1. ज्ञान
2.1.1. ज्ञान के आयाम
2.1.2. ज्ञान के साधन 2.2. 2.3. चारित्र
दर्शन
3.0.
तप
3.1
3.2. 3.3. 3.4.
3.5.
अनशन ऊनोदरी रस परित्याग भिक्षाचरी कायक्लेश - 3.5.1. आसन 3.5.2. प्राणायाम 3.5.3 मुद्रा 3.5.4 बंध प्रतिसंलीनता 3.6.1. इन्द्रिय प्रतिसंलीनता 3.6.2. कषाय प्रतिसंलीनता 3.6.3. योग प्रतिसंलीनता 3.6.4. विविक्तशयनासन प्रायश्चित्त विनय वैयावृत्य
164
3.6.
3.7.
3.8. 3.9.