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163. दसवेआलियं 6/15 (टिप्पण संख्या 24) 164. आचारांग भाष्यम् 2(4)/91,92 165. ज्ञानार्णव 11/27 166. भगवती आराधना 917, 918
सर्वार्थसिद्धि 7/8/347/11 167. उत्तरज्झयणाणि 34/21,22,23 168. भगवती आराधना 878,897 169. आचारांग भाष्यम् 5(3)/58 170. वही 2(4)/93 171. वही 2(6)/157:186 172. सूयगडो (1)/2/58 173. उत्तरज्झयणाणि 8/14:15 174. भगवती आराधना 898 175. आचारांग भाष्यम् 2(1)/23, 2(4)/79, 5(1)/16 176. दसवेआलियं 6/15 177. आ.चू.पृ. 219 (दसवेआलियं 6/15 टिप्पण संख्या 24 में उद्धृत) 178. आचारांग भाष्यम् 5(1)/3 179. वही 5(1/6) 180. वही 5(1)/14; 5(3)/44; 2(5)/138,139; 2/124 181. सूयगडो (1) /3/73 182. वही (1) /3/13; (1) /2/61; (1)/3/74 183. सूयगडो चूर्णि पृ. 98 (सू (1) /3/74 के टिप्पण में उद्धृत) 184. सूयगडो (1)/4/21,22 185. वही (1)/5, आमुख पृ. 234 में उद्धृत चूर्णि, पृष्ठ 133 186. ठाणं 4/450 187. दसवेआलियं 2/1 188. उत्तरज्झयणाणि 13/16; 14/13; 6/11 189. वही 32/19 190. ठाणं 4/599 191. आचारांग भाष्यम् 2(4) 92: 4(2)/17 192. ठाणं 5/14: 2/448
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