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ज्वालामालिनी कल्प ।
ॐ ह्रीं क्रीं झल्यू रक्तवर्ण सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन बधू चिह्न सपरिवार हे अग्ने ! मम सन्निहितो भव भव वषट् सन्निधिकरणम् ॥ ३ ॥
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ॐ ह्रीं झयू रक्तवर्ण सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन बधू चिह्न सपरिवार हे अग्ने ! आत्म द्वारं रक्ष२ इदमध्ये पाद्यं गंधमक्षतं पुष्पं दीपं धूपं चरुं बलिं फलं गृहर स्वाहा || अर्चनम् ॥
ॐ ह्रीं वाहन बधू चिह्न ॥ विसर्जनम् ॥
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न्यू रक्तवर्ण सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध सपरिवार हे अग्ने ! स्वस्थानं गच्छ२ जः ३
ॐ ह्रीं क्रों झल्यू कृष्णवर्ण सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन बधू चिह्न सपरिवार हे यम! एहिर संवौषट् । आह्नाननम् । ॐ ह्रीं कृष्णवर्ण सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन बधू चिह्न सपरिवार हे यम ! तिष्ठर ठः ठः स्थापनम् ॥
ॐ ह्रीं क्रीं झल्यू कृष्णवर्ण सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधू चिह्न सपरिवार हे यम मम । सन्निहितो भव भव वषट् सन्निधिकरणम् ॥
ॐ ह्रीं क्रीं शल्यू कृष्णवर्ण सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन बधू चिह्न सपरिवार हे यम ! आत्मद्वारं रक्ष२ इदमर्घ्य
चतुर्थ परिच्छेद ।
पाद्यं गंमतं पुष्पं दीपं धूपं चरुं बलिं फलं गृह २ स्वाहा ॥ अर्चनम् ॥
ॐ ह्रीं क्रीं झब्यू' कृष्णवर्ण सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन बघ चिह्न सपरिवार हे यम ! स्वस्थान गच्छर जः जः जः ॥ विसर्जनम् ॥
ॐ ह्रीं क्रों झयू हरिद्वर्ण सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधू चिह्न सपरिवार हे नैऋते ! एहिर संवौषट्
आह्वाननम् ॥
ॐ ह्रीं क्रों झन्यू हरिद्वर्ण सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन बधू चन्ह सपरिवार हे नैऋते ! तिष्टर ठः ठः स्थापनम्
ॐ ह्रीं क्रीं झल्यू हरिद्वर्ण सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन बधू चिन्ह सपरिवार हे नैऋते ! मम सन्निहितो भव भव सन्निधिकरणम् ॥
ॐ ह्रीं क्रों झल्यू हरिद्वर्ण सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधू चिन्ह सपरिवार हे नैऋते ! आत्म द्वारं रक्षर इदगंमतं पुष्पं दीषं धूपं चरुं बलिं फलं गृह २ स्वाहा "अर्चनम् " ॥ ॐ ह्रीं सर्व लक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधू चिन्ह सपरिवार हे नैऋते ! स्वस्थानं गच्छर जः जः मः ॥ विसर्जनम् ॥