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* शिक्षक एवं विद्यार्थियों के लिए सूचनाएँ *
लेखी परीक्षा ४० गुणों की होगी । गुण-विभाजन सामान्यत: इस प्रकार का है -
१) आचार्य हेमचन्द्र और राजा कुमारपाल : लगभग ५ गुण २) जैनों का भारतीय कलासंवर्धन में योगदान
लगभग ५ गुण ३) तत्त्वार्थसूत्र की पृष्ठभूमि ।
: लगभग ५ गुण ४) सोमदेवकृत नीतिवाक्यामृत
लगभग१० गुण ५) प्राकृत भाषा का व्याकरण
लगभग ५ गुण ६) प्राकृत पाठ
लगभग १० गुण
* प्रत्येक पाठ के अन्त में दिये हए स्वाध्याय, विद्यार्थी अपनी-अपनी कॉपी में लिखें। * स्वाध्याय के अतिरिक्त कुछ अनपेक्षित वस्तुनिष्ठ प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं, जैसे कि - जोड लगाइए, रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए आदि ।