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(क) व्याकरणपाठ : अभ्यासविषयक सूचनाएँ
* परीक्षा में व्याकरणपाठ पर आधारित प्रश्न, लगभग १०-१२ गुणों के होंगे । * नामविभक्ति पर आधारित प्रश्न, अकारान्त पुल्लिंगी, आकारान्त स्त्रीलिंगी और अकार
कारान्त पुल्लिगा, आकारान्त स्त्रालिगा और अकारान्त नपुसकलिंगी शब्दों पर आधारित होंगे। * क्रियापद पर आधारित प्रश्न, वर्तमानकाल, भूतकाल, भविष्यकाल, आज्ञार्थ एवं विध्यर्थ पर आधारित होंगे। * इस व्याकरणपाठ के अंतर्गत आये हुए प्राकृत वाक्यों का हिंदी अनुवाद नहीं पूछा जायेगा । हिंदी वाक्यों क प्राकृत रूपांतर भी नहीं पूछा जायेगा ।
नमूने के तौरपर दो प्रकार के प्रश्न दिये हैं । प्रश्न के इस ढाँचे को सामने रखकर विद्यार्थी तैयारी करें।
अ) निम्नलिखित शब्दों में निहित मूल शब्द, उसकी विभक्ति एवं वचन लिखिए । उदा. १) वीरेण - मूल शब्द 'वीर', तृतीया विभक्ति, एकवचन
२) वीरे - मूल शब्द 'वीर', प्रथमा एकवचन, द्वितीया अनेकवचन, सप्तमी एकवचन ३) गंगाए - मूल शब्द 'गंगा', तृतीया, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी एकवचन ४) गंगे - मूल शब्द 'गंगा', संबोधन एकवचन । ५) वणाई - मूल शब्द ‘वण', प्रथमा, द्वितीया, संबोधन अनेकवचन ६) वणेहिंतो - मूल शब्द ‘वण', पंचमी अनेकवचन
जिणो, वाणरं, भज्जाओ, फलेहिं, वण्णाओ, बलेहितो, देवयाए, पोत्थगे, नावासुं, सीहेण, सालं, सुवण्ण, समणेहिं, नेहा, दाणा, मंदिराई, सेणाणं, लोगस्स, गुणेण, पूर्य, वीराणं, सरीरेसु, पुप्फ, आसम्मि, कन्नाहिंसाहाहिंतो, रज्जेसु, मज्जायाए, मज्जस्स, हत्थेहिंतो, ईसर, पण्णाई, महुराओ, सीलेण, गंगा - इन शब्दों का विवरण उपरोक्त प्रकार से लिखिए ।
(ब) निम्नलिखित क्रियापदसमूह से वर्तमानकाल, भूतकाल, भविष्यकाल, आज्ञार्थ और विध्यर्थ के
क्रियापद अलग-अलग कीजिए ।
पुच्छामि, कुण, पासित्था, करेज्जाम, मुंचिस्सइ, जिणसु, गच्छिसु, उद्वेज्जा, जाणामो, वरिसिहिंति, वंदे, हणइ, तरिस्सह, होज्जा, भुजंतु, सिक्खिंसु, करेज्जाह, करेंति, पेक्खिस्सं, वंदइ, वसेज्जा, बोल्लह, उवविसे, भति, पालिहिमि, रोविसिहिह, वसामो, खमेज्जा, साहेइ, गच्छेज्जामि, गच्छामो, वट्टेज्जासि, आहारेह, आराहेज्जा, खणह, जंपिस्सामि, वट्टे जाहि।
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