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४) आगच्छ - आना । तुम्हे एत्थ आगच्छह । तुम सब यहाँ आओ।
५) गच्छ - जाना ।
नेहा तत्थ गच्छउ । नेहा वहाँ जाएँ।
६) भक्ख - खाना ।
मिलिंदो अरविंदो य भोयणं भुंजंतु । मिलिंद और अरविंद भोजन करें ।
७) बोल्ल - बोलना । तुम्हे महुराई वयणाई बोल्लह । तुम सब मधुर वचन बोलो ।
८) सिक्ख - सीखना । तुमं पाइयं सिक्ख/सिक्खसु/सिक्खाहि । तुम प्राकृत सीखो ।
९) उवविस - बैठना ।
तुम हेटा उवविस/उवविसस/उवविसाहि । तुम नीचे बैठो।
१०) वंद - वंदन करना ।
तुम्हे महावीरं वंदह । तुम सब महावीर को वंदन करो ।
११) कुण - करना ।
तुमं कोहं मा कुण/कुणसु/कुणहि । तुम क्रोध मत करो।
fasztof (Potential Mood)
इच्छा, सूचन, विधि, निमंत्रण, आमंत्रण, प्रार्थना, आशा, संभावना, आशीर्वाद, उपदेश - आदि अर्थों को सूचित करने के लिए विध्यर्थक प्रत्ययों का प्रयोग होता है ।
आज्ञार्थक और विध्यर्थक दोनों के अर्थों में और प्रयोग में बहुत ही साम्य है ।