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आकारान्त स्त्रीलिंगी शब्द उपरोक्त 'गंगा' शब्द के अनुसार लिखिए ।
(१) प्रथमा विभक्ति : (Nominative) कर्ताकारक
१) गंगा हिमालयाओ निग्गच्छइ ।
गंगा हिमालय से निकलती है ।
२) कन्नाओ पाढसालं गच्छंति ।
कन्याएँ पाठशाला जाती हैं ।
(२) द्वितीया विभक्ति : (Accusative) कर्मकारक
१) पहिया छायं इच्छंति ।
पथिक छाया की इच्छा करते हैं ।
२) मालायारो माला/मालाओ गुंफइ । मालाकार (माली) मालाओं को गूंथता है ।
(३) तृतीया विभक्ति : (Instrumental) करणकारक
१) दरिदो जणाणं किवाए जीवइ ।
दरिद्री लोगों की कृपा से जीता है ।
२) रुक्खो साहाहिं सोहइ ।
वृक्ष शाखाओं से शोभता है।
(४) पंचमी विभक्ति : (Ablative) अपादानकारक
१) लयाए पुप्फाइं निवडंति ।
लता से फूल गिरते हैं।
२) देवयाहिंतो लोगा वराई लहंति ।
देवताओं से लोग वरों को प्राप्त करते हैं ।
(५) षष्ठी विभक्ति
: (Genitive) संबंधकारक
१) जउणाए जलं महुरं ।
जमुना का पानी मधुर है ।