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________________ जैनत्व की झाँकी (सुविस्तृत प्रश्नसंच) : प्राकृत व्याकरण ; रिव्हिजन अनुक्रमणिका १) प्रार्थना (भक्तामर स्तोत्र - १ से १० श्लोक) २) देव (जैनत्व की झाँकी - पाठ १) ३) गुरु (जैनत्व की झाँकी - पाठ २) ४) धर्म (जैनत्व की झाँकी - पाठ ३) ५) तीन रत्न (जैनत्व की झाँकी - पाठ ४) ६) जैन तीर्थंकर (जैनत्व की झाँकी - पाठ ९) ७) दान (जैनत्व की झाँकी - पाठ १२) ८) भोजन का विवेक (जैनत्व की झाँकी - पाठ १३) ९) तत्त्व-विवेचन (जैनत्व की झाँकी - पाठ १८) १०) विभिन्न दर्शनों का समन्वय (जैनत्व की झाँकी - पाठ २२) ११) अनेकान्तवाद (जैनत्व की झाँकी - पाठ २३) १२) ईश्वर जगत्कर्ता नहीं (जैनत्व की झाँकी - पाठ २४) १३) आत्मा और उसका स्वरूप (जैनत्व की झाँकी - पाठ २७) १४) वनस्पति में जीव (जैनत्व की झाँकी - पाठ ३०) । १५) जैन-संस्कृति में सेवाभाव (जैनत्व की झाँकी - पाठ ३१) १६) प्राकृत भाषा का व्याकरण - प्राथमिक परिचय (अ) नाम-विभक्ति (ब) क्रियापद-प्रत्यय १७) सिर्फ नाम बताइए । १८) शब्दसूचि - Word Index
SR No.009952
Book TitleJainology Parichaya 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNalini Joshi
PublisherSanmati Tirth Prakashan Pune
Publication Year2009
Total Pages28
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size137 KB
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