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________________ १०. विभिन्न दर्शनों का समन्वय (जैनत्व की झाँकी - पाठ २२) १) तत्त्वज्ञान की स्वयंपूर्ण विचारधारा को क्या कहते हैं ? ('दर्शन' कहते हैं ।) २) प्राचीन काल से भारत में कौनसी पाँच विचारधाराएँ मौजूद थी ? (एक वाक्य) ३) निम्नलिखित वाक्य, प्रमुखता से कौनसे वाद के निदर्शक है, यह लिखिए । अ) जुडवे बच्चों में से एक बुद्धिमान और दूसरा साधारण होता है । ब) दही बिलोने से मक्खन निकलता है, पानी से नहीं । क) कोठे में रखी हुई गुठली में क्या आम का पेड लग जायेगा ? ड) ग्रीष्म काल में ही सूर्य तपता है । इ) आम की गुठली में से ही आम का वृक्ष पैदा होगा । फ) कोई भी आदमी होनी को अनहोनी नहीं कर सकता । ग) राजा भी कभी रंक बनता है और रंक भी कभी राजा । च) प्रकाशकिरण फैलाना सूर्य की खासियत है । छ) तारों का स्वभाव है, रात में चमकना । ज) प्रकृति के अटल नियमों को कोई टाल नहीं सकता । ४) इन पाँचों वादों का अंतर्भाव भ. महावीर ने कौनसे वाद में किया है ? (एक वाक्य) ५) आम की गुठली के उदाहरण से समन्वयवाद समझाइए । (पाँच-छह वाक्यों में लिखिए) **********
SR No.009952
Book TitleJainology Parichaya 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNalini Joshi
PublisherSanmati Tirth Prakashan Pune
Publication Year2009
Total Pages28
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size137 KB
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