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(तत्त्वार्थ सूत्र 22************अध्याय -D बन्ध के सामान्य विधान में अपवाद
120 प्रकारान्तर से द्रव्य का लक्षण
123 काल भी द्रव्य है
124 गुण का लक्षण
गुण और पर्याय में अन्तर परिणाम का स्वरूप
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तत्त्वार्थ सूत्र *** ********अध्याय - अशुभ नाम कर्म के आस्रव के कारण
139 शुभ नाम कर्म के आस्रव के कारण
139 तीर्थंकर नाम कर्म के आस्रव के कारण
140 नीच गोत्र के आस्रव के कारण
141 उच्च गोत्र के आस्रव के कारण
141 अन्तराय कर्म के आस्रव के कारण
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षष्ठम अध्याय योग का स्वरूप आस्त्रव का स्वरूप योग के भेद और उनका कार्य स्वामी की अपेक्षा आस्रव के भेद साम्परायिक आस्रव के भेद
पच्चीस क्रियाओं का स्वरूप परिणाम भेद से आस्रव में विशेषता अधिकरण के भेद जीवाधिकरण के भेद अजीवाधिकरण के भेद ज्ञानावरण और दर्शनावरण कर्म के आस्रव के कारण असाता वेदनीय कर्म के आस्रव के कारण
दुख आदि कारणों को लेकर-शंका-समाधान साता वेदनीय कर्म के आस्त्रव के कारण दर्शन मोहनीय कर्म के आस्रव के कारण चारित्र मोहनीय कर्म के आस्रव के कारण नरकायु के आस्रव के कारण तिर्यञ्चायु के आस्रव के कारण मनुष्यायु के आस्रव के कारण देवायु के आस्त्रव के कारण
सप्पम अध्याय व्रत का स्वरुप अहिंसा व्रत की प्रधानता
व्रतों को आस्रव का कारण क्यों कहा व्रतों के भेद अहिंसा व्रत की भावनाएं सत्य व्रत की भावनाए। अचौर्य व्रत की भावनाएं ब्रह्मचर्य व्रत की भावनाए परिग्रह त्याग व्रत की भावनाएं हिंसा आदि की विरोधी भावनाए कुछ अन्य भावनाए हिंसा का लक्षण
हिंसा के भेद और उनका खुलासा अनृत (असत्य) का लक्षण चोरी का लक्षण अब्रह्मका का लक्षण परिग्रह का लक्षण व्रतों का स्वरूप व्रती के भेद आगारी व्रती का स्वरूप
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