SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सक्षिप्त परिचय । लाला चिरंजीलालजी चैंकर पानीपत पानीपत-यह युधिष्ठिरादि पाचो पाडवोमेंसे किसी अन्यतम पांडवका वसाया हुआ एक अति प्राचीन ऐतिहासिक प्रसिद्ध स्थान है । यह पंजाब प्रान्तमें देहलीसे ५५ मील उत्तरकी दिशामें ई० आई० आर० रेलवेकी लाइनपर स्थित है। पानीपतसे कुछ दूरपर कुरुक्षेत्रके मेदानमें कौरव और पाडवोका महाभारत युद्ध हुआ था और इसी मैदानमें विक्रम संवत १६०० से अबतक दो तीन बादशाहोके इतिहास प्रसिद्ध युद्ध हो चुके हैं। • वर्तमानमें इस नगरकी जनसंख्या अनुमान तीसहनार (३००००) के है। निसमें तीन हिस्से मुसलमान और एक हिस्सेमें जैन तथा हिन्दू हैं। ___ यहांपर अनुमान ३०० घर अग्रवाल जैनियोके हैं और चार श्री जिनमदिर हैं। इनमें बडे मदिरकी बिल्डिंग अति विशाल है। वृद्ध जनोसे यह जनश्रुति चली आरही है कि पूर्व समयमें यहां पर २२ चाईस मंदिर तथा चैत्यालय थे, पूर्वजनोंने उनका ह्रास देखकर सब जीर्ण मंदिरोकी प्रतिमायें उठवाकर बडे मंदिरजीमें विराजमान करवा दी । यह बड़ा मंदिर वर्तमान समयमें विशाल दुर्गके समान बना हुआ है । दूसरे वाजारवाले मदिरमें सुनहरी तथा मीनाकारीका काम भी दर्शनीय है। उसमें अनुयोगोंके अनुसार क्षेत्रोंके नक्शे तथा पौराणिक भावोंके चित्र बड़ी मनोहरतासे चित्रित किये गये हैं । यहांके पीतलके वर्तन और उनी कम्बल प्रसिद्ध हैं जो यहांसे बहुत दूर देशान्तरोको जाते हैं । यहांके जैनी भाई
SR No.009946
Book TitlePravachan Sara Tika athwa Part 02 Gneytattvadipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages420
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy