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पञ्चतंत्र पिंगलक ने कहा, “क्यों आपने उस प्राणी को देखा ?" दमनक ने उत्तर दिया, “ स्वामी की कृपा से देखा।" पिंगलक ने फिर कहा, “क्या सचमुच देखा?"
दमनक बोला, "क्या महाराज से झूठ कहा जा सकता है? कहा भी
"राजाओं और देवताओं के सामने जो थोड़ा भी झूठ बोलता है
वह बड़ा आदमी होने पर जल्दी ही नष्ट हो जाता है। . उसी प्रकार ''मनु का कहना है कि राजा सर्वदेवमय है , इसलिए कभी भी
उसकी कपट से सेवा नहीं करनी चाहिए। "सर्वदेवमय राजा की विशेषता यह है कि उसके पास से शुभ
और अशुभ का फल तुरन्त ही मिल जाता है और देवता के पास से दूसरे जन्म में।" पिंगलक ने कहा, “तुमने उसे जरूर देखा होगा। बड़े लोग गरीबों पर नाराज नहीं होते, इसलिए उसने तुम्हें मारा नहीं । कारण,
"कोमल और नीचे झुके हुए तिनकों को बवंडर उखाड़ नहीं J फेंकता ; उन्नतचेता व्यक्तियों का यह स्वभाव ही है , बड़े बड़ों
पर ही अपना पराक्रम दिखलाते हैं। और भी "मद जलयुक्त गंडस्थल पर प्रेम से अंधे भौंरे द्वारा लात मारने पर भी परम बलवान हाथी क्रोधित नहीं होता ।
बलवान अपने समान बल वाले पर ही क्रोध करता है।" दमनक ने कहा, "जैसा आप कहें वही महात्मा और हम सब कमजोर; फिर भी अगर स्वामी कहें तो मैं उसे आपकी चाकरी में ला सकता हूँ।" पिंगलक ने लम्बी साँस भरकर कहा, “क्या ऐसा करने की तुझमें ताकत है ?" दमनक बोला,"बुद्धि के लिए कौनसी वस्तु असाध्य है ? कहा है कि