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-: मुख्य गौण व्यवस्था :दिनांक १० । १०।६०
१. मुख्य गौण व्यवस्था का अर्थ, २. विशेषण विशेष्य व्यवस्था, ३. किस को मुख्य किया जाये,
पहिले सकेत किया गया था कि नयो के मूल भेद दो है । द्रव्या१ मुख्य गौण थिक और पर्यायाथिक । अव उन ही का विशेष व्यवस्था स्पष्टीकरण करने मे आता है। यद्यपि वक्ता के
का अर्थ प्रमाण ज्ञान मे परिपूर्ण त्रिकाली अखण्ड वस्तु पड़ी है, वह उसे प्रत्यक्ष वत् देख सकता है पर कह नहीं सकता। जिस प्रकार कि २ भाग नीला, ४ भाग पीला और ६ भाग लाल रंग मिला दे तो, आप अनुमान के आधार पर भी सम्भवत उसके मिले हुए एक रंग को प्रत्यक्षवत देख तो सकेगे पर कह न सकेगे। कहने के लिये