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. सामना कर ४९
७. आत्मा व उसके अग
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११. प्रारमा की द्रव्य पर्यायो का परिचय
प्रात्मा
मुक्त
ससारी
वस
स्थावर
।
।
।। । । । पृथ्वी जल अग्नि वायु वनस्पति
दो तीन चतुरेन्द्रिय पंचेन्द्रिय इन्द्रिय इन्द्रिय भवरा कीडा चीटी
सज्ञी
असंज्ञी तिर्यच
तिर्यण्च
मनष्य
नारकी सात नरक
देव
जलचर थलचर नभचर
| भवन व्यंतर ज्योतिषी विमान वासी
वामी
भोग भूमिज
भूमिज
कुभोग कल्प भूमिज
कल्पातीत
आर्य
म्लेक्ष
यह उपरोक्त सर्व भेद एक त्रिकाली जीव के पेट मे पड़े है। परन्तु देखने पर प्रतीत होता है, कि इन में से एक भी भेद को हम जीव का गुण या गुण की पर्याय नहीं कह सकते, पर उसे जीव द्रव्य की एक अवस्था या पर्याय अवश्य कह सकते है । जैसे ममुष्य को जीव का गुण या ज्ञानादि गुण की पर्याय नही कहा जा सकता, पर जीव की ही एक क्षणिक अवस्था या पर्याय अवश्य कहा जा सकता है। और इस प्रकार पर्याय दो स्थान पर पाई जाती है गणों मे और