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(२) गृह एवं विधवा सहायता फड आदि पारमार्थिक सस्थाओं के संचालन मे श्री पूज्य मा साहब को सहयोग देती रहती थीं। आप प्रतिदिन जिनेन्द्र पूजन, सामायिक और स्वाध्याय किया करती थी तथा घर मे सभी पर आपकी धार्मिकता और प्रेमपूर्ण व्यवहार का प्रभाव था। आप इन्दौर की महिला मंडल आदि संस्थाओ की कोषाध्यक्षा व मत्रिणी आदि का कार्यभार सभालकर महिला समाज की सेवा मे सलग्न रहती थी। आपके स० १९८७ मे प्रथम पुत्ररत्न श्री राजा वहादुर सिह जी का जन्म हुआ । पश्चात् श्री महाराजा वहादुरसिहजी, श्री जम्बू कुमार सिह जी, श्री विघुल्लता बाई, चि० चन्द्रकुमारजी और चि० यशकुमार जी हुए । तृतीय पुत्र श्री वीरेन्द्रकुमार सिह जी का ७ वर्ष की उम्र मे स्वर्गवास हो गया । श्री राजावहादुर सिह जी, श्री महाराजा बहादुर सिह जी और जम्बू कुमार सिह जी का शुभ विवाह सपन्न हो चुका है । आप तीनो ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने फर्म के कामो को सभाल रहे है और समाज सेवा मे सदा आगे रहते है । चि० विघुल्लताबाई का विवाह श्रीमान सेठ भंवरलाल जी साहब सेठी (श्री सेठ विनोदीराम जी वालचद जी) के सुपौत्र और श्रीमान् कैलाशचन्द्र जी के सुपुत्र कुवर नलिनचन्द्र जी के साथ हुआ है। ___आपके वैभवसपन्न विशाल परिवार मे श्रीमंत भैया साहब राजकुमार सिंह जी एम. ए एल एल बी की वहन और आपकी ननन्द श्रीमती सौ० रत्नप्रभा देवी (धर्म पत्नी, श्रीमान् वा भृ रा व सेठ लालचन्द जी सेठी, उज्जैन) श्रीमती सौ चन्द्रप्रभा देवी (ध प श्रीमान् सेठ रतनलाल मोदी, इन्दौर) श्रीमती सौ स्नेहराजावाई (ध प श्रीमान् राजमल जी सेठी इन्दौर) का आपको पूर्ण स्नेह एवं सहयोग प्राप्त था।
श्रीमंत भैया साहब राजकुमार सिंह जी के ज्येष्ठ भ्राता दा वी , रा व, रा भू, रावराजा, लोफ्टिनेट कर्नल, श्रीमत सेठ