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राष्ट्रपतिसे साक्षात्कार ईसरीमे सम्बत् २०१२ सन् १९५५ के अप्रैलके अन्तिम सप्ताहमें विहार राज्य ग्राम पञ्चायतका चतुर्थ अधिवेशन था। जिसके उद्घाटनके लिए भारतवर्षके राष्ट्रपति डा. राजेन्द्रप्रसादजी आये थे। जैन हाईस्कूलके मैदानमे आपका भापण हुआ। आप प्रकृतिके सरल तथा श्रद्धालु व्यक्ति हैं। साक्षात्कार होनेपर आपने बहुत ही शिष्टता दिखलाई। मैंने आपसे कहा कि विहार आपका प्रान्त है
और इसी प्रान्तमें मद्यके सेवनकी प्रचुरता देखी जाती है। इस मद्य-सेवनसे गरीवोंकी गृहस्थी उजड़ रही है। उनके वाल-वच्चोंको पर्याप्त अन्न और वस्त्र नहीं मिल पाता। निर्धन अवस्थाके कारण शिक्षाकी ओर भी उनकी प्रगति नहीं हो पाती इसलिए ऐसा प्रयत्न कीजिये कि जिससे यहाँके निवासी इस दुर्व्यसनसे बचकर अपना भला कर सकें। आप जैसे आस्थावान् राष्ट्रपतिको पाकर भारतवर्ष गौरवको प्राप्त हुआ है।
उत्तरमे उन्होंने कहा कि हम प्रयत्न ऐसा कर रहे हैं कि विहार ही क्यों भारतके किसी भी प्रदेशमे मद्यपान न हो। पूज्य गाधीजीने मद्य-निषेधको प्रारम्भ किया है और हम उनके पदानुगामी है परन्तु खेद इस वातका है कि हम द्रुतगतिसे उनके पीछे नहीं चल पाते हैं।
स्याद्वाद विद्यालयका स्वर्ण जयन्ती महोत्सव बनारसका स्याद्वाद विद्यालय जैन समाजकी प्राचीन एवं महोपकारिणी संस्था है। गङ्गाके तटपर इमकी विशाल इमारत