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फिरोजाबादमें विविध समारोह
श्री छदामीलालजीने फिरोजाबादमे वहत भारी उत्सवका आयोजन किया था। इस प्रान्तका यह वर्तमान कालीन उत्सव सबसे निराला था । क्या त्यागी, क्या व्रती, क्या विद्वान् , क्या सेठ, क्या राजनीतिमे काम करनेवाले-सव लोगोंके लिये मेलामें एकत्रित करनेका प्रयास किया था। मेलाका बहुत अधिक विस्तार था। रावटी और तम्बुओंका नगर अपनी अलग शान दिखा रहा था। रात्रिके समय बिजलीके वत्वोंका अनोखा चमत्कार देखनेके लिए अनायास जन-समूह एकत्रित हो जाता था। उत्सवका उद्घाटन उत्तर प्रदेशके तात्कालिक प्रधान मंत्री श्री पन्तजीने किया था। श्री आचार्य सूर्यसागरजी तथा हम लोगोंका नगर प्रवेशका उत्सव माघ शुक्ल पू सं० २००७ को सम्पन्न हुआ था। बहुत अधिक भीड़ तथा जुलूसकी सजावट थी।
इसी समय यहाँ श्री सूर्यसागरजी महाराजकी अध्यक्षतामे व्रती सम्मेलन, श्री सेठ राजकुमारजी सिंह इन्दौरकी अध्यक्षतामें जैन संघ मथुराका अधिवेशन और श्री काका कालेलकरकी अध्यक्षता में हीरक जयन्ती महोत्सव तथा वर्णी अभिनन्दन ग्रन्थ समर्पणका समारोह हुआ था। प्रातःकाल मुख्य पण्डालके सामने धूपमे प्रवचन प्रारम्भ हुआ। मुनिसंघ विराजमान था। बाहरसे ७०-७५ व्रती भी पधारे हुये थे जो यथायोग्य बैठे थे। अपार जनता एकत्रित थी। महाराजने मुझे प्रवचनके लिये बैठा दिया। मैंने कहा कि प्रवचनका अधिकार तो आचार्य महाराजका है। उनके समक्ष मुझे
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