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ज्ञाताधर्मकथा
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तए णं सागरदत्ते सत्थवाहे विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेइ, उवक्खडावित्ता जाव सम्माणेत्ता सागरगं दारगं सूमालियाए दारियाए सद्धिं पट्टयं दुरुहावेइ, दुरुहावित्ता सेयापीयएहिं कलसेहिं मज्जावेड. मज्जावित्ता अग्गि होम करावेड, करावित्ता सागरं दारयं सूमालियाए दारियाए पाणिं गेण्हावेइ। तए णं सागरदारए सूमालियाए दारियाए इमं एयारूवं पाणिफासं पडिसंवेदेइ, से जहाणामएअसिपत्ते इ वा करपत्ते इ वा खुरपत्ते इ वा कलंबचीरियापत्ते इ वा सत्तिअग्गे इ वा कोतग्गे इ वा तोमरग्गे इ वा भिडिमालग्गे इ वा सूचिकलावए इ वा विच्छुयडंके इ वा कविकच्छ इ वा इंगाले इ वा मम्मरे इ वा अच्ची इ वा जाले इ वा अलाए इ वा सुद्धागणी इ वा, भवे एयारूवे ? णो इणढे समढे | एत्तो अणिद्वतराए चेव अकंततराए चेव अप्पियतराए चेव अमणण्णतराए चेव अमणामतराए चेव पाणिफासं पडिसंवेदेइ | तए णं से सागरए अकामए अवसवसे तं
मुहुत्तमित्तं संचिट्ठइ। ४ तए णं से सागरदत्ते सत्थवाहे सागरस्स दारगस्स अम्मापियरो मित्तणाइ जाव विउलेणं
असण-पाण-खाइम-साइमेणं पुप्फवत्थ गंध-मल्लालंकारेण य सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता पडिविसज्जेइ। तए णं सागरए दारए सूमालियाए सद्धिं जेणेव वासघरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सूमालियाए दारियाए सद्धिं तलिमंसि णिवज्जइ । तए णं से सागरए दारए सूमालियाए दारियाए इमं एयारूवं अंगफासं पडिसंवेदेइ, से जहाणामए असिपत्ते इ वा जाव अमणामतरागं चेव अंगफासं पच्चणभवमाणे विहरइ । तए णं से सागरए दारए सूमालियाए दारियाए अंगफासं असहमाणे अवसवसे मुहुत्तमित्तं संचिद्वइ । तए णं से सागरदारए समालियं दारियं, सहपसत्तं जाणित्ता समालियाए दारियाए पासाओ उढेइ, उहित्ता जेणेव सए सयणिज्जे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सयणिज्जसि णिवज्जइ । तए णं सूमालिया दारिया तओ मुहुत्तंतरस्स पडिबुद्धा समाणी पइव्वया पइमणुरत्ता पति पासे अपस्समाणी तलिमाउ उढेइ, उद्वित्ता जेणेव से सयणिज्जे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सागरस्स पासे णिवज्जड़ । तए णं सागरदारए सूमालियाए दारियाए दोच्चं पि इमं एयारूवं अंगफासं पडिसंवेदेइ, जाव अकामए अवसवसे मुहुत्तमित्तं संचिट्ठइ । तए णं से सागरदारए सूमालियं दारियं सुहपसुत्तं जाणित्ता सयणिज्जाओ उद्देइ, उद्वित्ता वासघरस्स दारं विहाडेइ, विहाडित्ता मारामुक्के विव काए जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए।
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