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________________ भगवई सुत्त एवं कालगणीलग-सुक्किलएसु सत्त भंगा । कालगलोहिय-हालिद्देसु सत्त भंगा । कालगलोहियसुक्किलेसु सत्त भंगा । कालगहालिद्दसुक्किलेसु सत्तभंगा । णीलग लोहियहालिद्देसु सत्त भंगा | णीललोहियसुक्किलेसु सत्त भंगा | णीलग हालिद्दसुक्किलेसु सत्तभंगा। लोहियहालिद्दसुक्किलेसु वि सत्त भंगा । एवमेए तियासंजोए सत्तरि भंगा । जइ चउवण्णे- सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दगा य, सिय कालए य णीलए य लोहियगा य हालिद्दए य, सिय कालएय णीलगा य लोहियए य हालिद्दए य, सिय कालगा य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य; एए पंच भंगा | सिय कालए य णीलए य लोहियए य सुक्किलए य; एत्थ वि पंच भंगा | एवं कालग-णीलग हालिद्द-सुक्किलेसु वि पंच भंगा ! कालगलोहिय-हालिद्द-सुक्किलएम वि पंच भंगा। णीलगलोहियहालिद्दसुक्किलेसु वि पंच भंगा। एवमेते चउक्कग संजोगएणं पणुवीसं भंगा। जइ पंचवण्णे- कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य । सव्वमेए एक्कगदुयग-तियग-चउक्क-पंचगसंजोएणं ईयालं भंगसयं भवइ । गंधा जहा चउप्पएसियस्स | रसा जहा वण्णा । फासा जहा चउप्पएसियस्स | छप्पएसिए णं भंते ! खंधे कड़वण्णे जाव कइफासे पण्णत्ते ? गोयमा ! जहा अढारसम सए जाव सिय चउफासे पण्णत्ते | एगवण्ण, द्वण्णा जहा पंचपएसियस्स। जइ तिवण्णे- सिय कालए य णीलए य लोहियए य, एवं जहेव पंचपएसियस्स सत्त भंगा तहेव जाव सिय कालगा य णीलगा य लोहियए य; सिय कालगा य णीलगा य लोहियगा, एए अट्ठ भंगा। एवमेव दस तियासंजोगेस् एक्केक्कए संजोगे अट्ठ भंगा, एवं सव्वे वि तियगसंजोगे असीइ भंगा। जइ चउवण्णे- सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दगा य, सिय कालए य णीलए य लोहियगा य हालिद्दए य, सिय कालए य णीलए य लोहियगा य हालिद्दगा य; सिय कालए य णीलगा य लोहियए य हालिद्दए य, सिय कालए य णीलगा य लोहियए य हालिद्दगा य, सिय कालए य णीलगा य लोहियगा य हालिद्दए य सिय कालगा य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य, सिय कालगा य णीलए य लोहियए य हालिद्दगा य, सिय कालगा य णीलए य लोहियगा य हालिद्दए य, सिय कालगा य णीलगा य लोहियए य हालिद्दए य, एए एक्कास्स भंगा । एवमेए पंचचउक्कसंजोगा कायव्वा, एक्केक्कसंजोए एक्कारस भंगा। सव्वे एए पणपण्णं भंगा चउक्क-संजोएणं । जइ पंचवण्णे- सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लए, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लगा य, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दगा य सक्किल्लए य, सिय कालए य णीलए य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किल्लए य, सिय कालए य णीलगा य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किल्लए य, सिय कालगा य णीलए 478
SR No.009905
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Mool Sthanakvasi
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorDevardhigani Kshamashaman
PublisherGlobal Jain Agam Mission
Publication Year2012
Total Pages653
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size8 MB
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