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भगवई सुत्त
गोयमा ! जे णं परं अलिएणं असब्भूएणं अब्भक्खाणेणं अब्भक्खाइ तस्स णं तहप्पगारा चेव कम्मा कज्जंति; जत्थेव णं अभिसमागच्छइ तत्थेव णं पडिसंवेदेइ; तओ से पच्छा [वेदेइ] णिज्जरेइ || सेवं भंते ! सेवं भंते ॥
॥ छट्टो उद्देसो समत्तो ॥
सत्तमो उद्देसो
परमाणुपोग्गले णं भंते ! एयइ वेयइ चलइ फंदड् घट्टइ, खुब्भइ उदीरइ तं तं भावं परिणमइ ? गोयमा ! सिय एयइ जाव तं तं भावं परिणमइ; सिय णो एयइ जाव णो तं तं भावं परिणमइ ।
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दुप्पएसिए णं भंते ! खंघे एयइ जाव तं तं भावं परिणमइ ?
गोयमा ! सिय एयइ जाव तं तं भावं परिणमइ, सिय णो एयइ जाव णो तं तं भावं परिणमइ; सिय देसे एयइ, देसे णो एयइ जाव देसे तं तं भावं परिणमइ, देसे तं तं भावं णो परिणमइ ।
तिप्पएसिए णं भंते! खंधे एयइ जाव तं तं भावं परिणमइ ?
गोयमा ! सिय एयइ सिय णो एयइ, सिय देसे एयइ देसे णो एयइ, सिय देसे एयइ देसा णो एयंति, सिय देसा एयंति देसे णो एयइ |
चउप्पएसिए णं भंते! खंधे एयइ जाव तं तं भावं परिणमइ ?
गोयमा ! सिय एयइ सिय णो एयइ, सिय देसे एयइ देसे णो एयइ, सिय देसे एयइ देसा णो एयंति, सिय देसा एयंति देसे णो एयइ; सिय देसा एयंति देसा णो एयंति । एवं जहा चउप्पएसिओ तहा पंचपएसिओ वि जाव अणतपएसिओ वि भाणियव्वो ।
9 परमाणुपोग्गले णं भंते ! असिधारं वा खुरधारं वा ओगाहेज्जा ?
हंता, ओगाहेज्जा ।
से णं भंते ! तत्थ छिज्जेज्ज वा भिज्जेज्ज वा? गोयमा ! णो इणट्टे समट्ठे, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ । एवं जाव असंखेज्जपएसिओ ।
अणंतपएसिए णं भंते ! खंधे असिधारं वा खुरधारं वा ओगाहेज्जा ।
हंता, ओगाहेज्जा |
से णं तत्थ छिज्जेज्ज वा भिज्जेज्ज वा ? गोयमा ! अत्थेगइए छिज्जेज्ज वा भिज्जेज्ज वा; अत्थेगइए णो छिज्जेज्ज वा णो भिज्जेज्ज वा ।
एवं अगणिकायस्स मज्झंमज्झेणं वीइवएज्जा ? णवरं झियाएज्ज भाणियव्वं | एवं पुक्खलसंवट्टगस्स महामेहस्स मज्झमज्झेणं वीइवएज्जा ? णवरं उल्ले सिया भाणियव्वं । एवं गंगाए महाणईए पडिसोयं हव्वं आगच्छेज्जा ? णवरं विणिहायं आवज्जेज्जा भाणियव्वं । एवं उदगावत्तं वा उदगबिंदुं वा ओगाहेज्जा ? णवरं पारियावज्जेज्जा भाणियव्वं।
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