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भगवई सुत्त
गोयमा ! कइयस्स ताओ धणाओ हेट्ठिल्लाओ चत्तारि किरियाओ कज्जंति I मिच्छादंसणवत्तिया किरिया भयणाए । गाहावइस्स णं ताओ सव्वाओ पयणुई भवंति ।
गाहावइस्स णं भंते ! भंडं विक्किणमाणस्स कइए भंड साइज्जेज्जा, धणे से उवणीए सिया । गाहावइस्स णं भंते ! ताओ धणाओ किं आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादंसणवत्तिया किरिया कज्जइ ? कइयस्स वा ताओ धणाओ कि आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादंसणवत्तिया किरिया कज्जइ ?
गोयमा ! गाहावइस्स ताओ धणाओ आरंभिया किरिया कज्जइ जाव अपच्चक्खाण किरिया कज्जइ । मिच्छादंसणवत्तिया किरिया सिय कज्जइ, सिय णो कज्जइ । कइयस्स णं ताओ सव्वाओ पयणुई भवंति ।
अगणिकाए णं भंते ! अहुणोज्जलिए समाणे महाकम्मतराए चेव, महाकिरिय-तराए चेव महासवतराए चेव महावेयणतराए चेव भवइ; अहे णं समए समए वोक्कसिज्जमाणे चरिमकालसमयंसि इंगालब्भूए मुम्मुरब्भूए छारियब्भूए; तओ पच्छा अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पवेयणतराए चेव भवइ ?
हंता गोयमा ! अगणिकाए णं अहुणोज्जलिए समाणे तं चेव जाव अप्प-वेयणतराए चेव भवइ। पुरिसे णं भंते ! धणुं परामुसइ, परामुसित्ता उसुं परामुसइ, परामुसित्ता ठाणं ठाइ, ठिच्चा आययकण्णाययं उसुं करेइ; आययकण्णाययं उसुं करेत्ता उड्ढं वेहासं उसुं उव्विहइ, तएणं से उसुं उड्ढं वेहासं उव्विहिए समाणे जाई तत्थ पाणाइं, भूयाइं, जीवाइं, सत्ताइं अभिहणइ, वत्तेइ, लेसेइ, संघाएइ संघट्टेइ, परितावेइ, किलामेइ, ठाणाओ ठाणं संकामेइ, जीवियाओ ववरोवेइ, तए णं भंते! से पुरिसे कइ किरिए ?
गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे धणुं परामुसइ, परामुसित्ता जाव उव्विहइ, तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पाणाइवायकिरियाए पंचहिं किरियाहिं पुट्ठे ।
जेसिं पि य णं जीवाणं सरीरेहिं धणुं णिव्वत्तिए ते वि य णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्ठे; एवं धणुपुट्ठे पंचहिं किरियाहिं, जीवा पंचहिं, हारू पंचहिं, उसू पंचहिं, सरे, पतणे, फले, हारू पंचहिं ।
अहे णं से उसू अप्पणो गरुयत्ताए भारियत्ताए गुरुसंभारियत्ताए अहे वीससाए पच्चोवयमाणे जाइं तत्थ पाणाइं जाव जीवियाओ ववरोवेइ तावं च णं से पुरिसे कइ किरिए ?
गोयमा ! जावं च णं से उसू अप्पणो गरुयत्ताए जाव ववरोवेइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चउहिं किरियाहिं पुट्ठे; जेसिं पि य णं जीवाणं सरीरेहिं धणु णिव्वत्तिए ते वि जीवा चउहिं किरियाहिं पुट्ठे; धणुपुट्ठे चउहिं, जीवा चउहिं, हारू चउहिं, उसू पंचहिं, सरे, पतणे, फले, हारू पंचहिं, जे वि य से जीवा अहे पच्चोवयमाणस्स उवग्गहे वट्टंति ते वि य णं जीवा काइया जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्ठा ।
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