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________________ १९८ चाणक्यसूत्राणि कल्पना राष्ट्रद्रोही भारतीय कल्पना है। भारतीय एकतन्त्रवादमें यद्यपि ऊपर• से देखने में राज्यव्यवस्थाका कर्णधार राजा नामका एक व्यक्ति ही दीखता है, परन्तु वह अपने मन्त्री, पुरोहित, दूत, सेनापति, राजगुरु भादि राष्ट्रके योग्य. तम सहयोगियोंके रूपमें राष्टके हितैषियोंको अपने प्रगाढ संपर्क में रखकर स्वयं ही सम्पूर्ण राष्ट्रका मूर्तिमान कल्याण बनकर राजकार्यका सुचारुरूपसे परिचालन करता रहता है । इसके बाद्यष्टि से अकेले दीखने पर भी उसके अकेलेपनमें भी समग्र राष्ट्र सम्मिलित रहता है । उसका अकेलापन भी वास्तव में ससन राष्ट्रके ऐकमत्यमें सम्मिलित होता है । विस्तारभयसे इस प्रसंगको यहीं छोड. कर प्रकृतमें आते हैं । राष्ट्रव्यवस्थाके लिये राष्ट्रहितैषियोंकी सर्वसम्मति ही योग्यतम परिपाटी है। सच्चे व्यवस्थापकोंमें राज्यव्यवस्थासंबन्धी भालो. चनामें मतभेद होनेपर भी निर्णयावस्थामें मतैक्य या अविरोध होजाना अनिवार्य है । जिनमें अन्ततक मतभेद रहता है वे लोग वस्तुतः व्यवस्था. पक बननेके अयोग्य होते हैं। मतविरोध राष्ट्रघाती स्थिति है । अल्पमतकी उपेक्षा करके बहुमतके अनुसार राष्ट्रव्यवस्था करनेकी परिपाटी सचमुच विनाशक, अनार्य, आसुरी परिपाटी है। हमारे देशके दुर्भाग्यसे सर्वसम्म. तिसे राष्ट्रव्यवस्था करने की भारतीय परिपाटीको तो त्याग दिया गया है और योरोपको राजनीतिका गुरु मानकर उसीकी देखा देखी बहुमतसे राष्ट्रव्य. वस्था करनेकी परिपाटी हमारे देश में उधारी लाई गई है। ऐसी स्थिति में देशकी शान्ति के ईश्वर ही प्रभु हैं। यह परिपाटी राज्यप्रबन्ध तथा नियम विधान दोनों से सारवत्ता या औचित्यको निश्चित रूपमें लुप्त कर देती है। बहुमतसंग्रहसे बने विधान तथा प्रबन्धसंबन्धी निर्णयोंका निःसार होना अनिवार्य है । यदि राज्यके नियमविधानों तथा प्रबन्धोंको सारवान बनाना हो तो यह काम उस उप्त विषयके एसे विशेषज्ञोंसे करानेमें ही राष्ट्रकल्याण है जिनमें न तो स्वार्थी प्रवृत्तियें हों, और न जिनमें भ्रम प्रमाद विप्रलिप्सा तथ! मतविरोध ही हो । अल्पके विरोध में बहुमत सचमुच भयंकर स्थिति है। यह राष्ट्र, प्रान्त, जिले तथा ग्रामोंको विरोधी
SR No.009900
Book TitleChanakya Sutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamavatar Vidyabhaskar
PublisherSwadhyaya Mandal Pardi
Publication Year1946
Total Pages691
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size37 MB
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