________________
[ २०१ ] ८-६७३. जो मनुष्य अधीर हैं वे दुःखी ही रहते हैं, धैर्य
शांतिमार्ग पर विहार कराने वाला है।
है-७६०, शीघ्रता में आकर जो तुमने सुना और माना है
कहने मत लगो।
१०-८१६, धैर्य शब्द ही यह बताता है कि ज्ञाता द्रष्टापन की पूर्ण (अनन्त) सीमा को प्राप्त हो जावो । यथाधैर्य-धीं बुद्धिं ददाति इति धीरः, धीरस्य भावः धैर्यम्जो बुद्धि (ज्ञान) दे (प्राप्त करावे-विकसित करावे) वः धीर है धीर के परिणाम को धैर्य कहते हैं।