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। ३६ धर्मिसेवा
१-३१०. जिसने मोन का मर्दन कर दिया हो वे ही बड़भागी वैयावृत्य कर सकते हैं।
卐 ॐ 卐 २-४०६. त्यागियों के रहने योग्य वह स्थान है जहां केवल मुमुक्षों पुरुषों का ही प्रायः गमानागमन व निवास हो । स्त्री, बालक, बालिका, कामी प्रारम्भी पुरुषों का निवास स्थल तो दूरतः हेय है । साधर्मियों को योग्य स्थान में ही आवास करना ब कराना चाहिये।
३-४०६. सामायिक करने के योग्य स्थान ये हैं-- मंदिर जी,
नगर के अंत का कोलाहल रहित मकान, बन, उपबन, धर्मायतन, गृहस्थशून्यगृह, ऐसे ही स्थानों पर सामायिक करना चाहिये व साधर्मियों के सामायिक के योग्य स्थान व वातावरण का प्रयत्न करना चाहिये।
卐 ॐ 卐 ४--३. प्रतिकूल कारण मिलने पर भी जो चरित्र व समता