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श्रीमन्त्रराजगुणकल्पमहोदाधर
अर्थात्
श्री पञ्चपरमेष्टि नमस्कार स्तोत्र व्याख्या ।
जिसको
श्री जिनकोर्तिसूरि जी महाराज कृम-“ श्री पञ्चपरमेष्ठिनमस्कारस्तोत्र" की विस्तृत व्याख्या कर तथा श्री पञ्चपरमेष्ठि नमस्काररूप महामन्त्र (श्री नवकार मन्त्र ) सम्बन्धी आवश्यक विविध उपयोगी
विषयों से सुसज्जित और समलङ्कृत कर जयदयाल शर्मा संस्कृत प्रधानाध्यापक श्रीडूंगर कालेज
( बीकानेर ) ने लोकोपकारार्थ बनाया।
विद्वद्वर्य श्री पण्डित ब्रह्मदेव जी मिश्र शास्त्री काव्यतीर्थ के
प्रबन्ध से श्री ब्रह्मप्रेस इटावा में मुद्रित ।
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श्री वीर संवत् २४४६ श्री विक्रमाब्द १९७७
अक्टूबर सन् १९२० ई०
प्रथमवार । २००० प्रति ।
Price Three Rupees As. Eight
Postage Eight annas
( न्यौछावर __३॥ रुपये
डाकव्यय 0
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